Highlights
- कोरोना के मामलों में आ रही है गिरावट
- 'डेल्टाक्रोन' वेरिएंट को पहले लैब एरर समझा गया था
- मगर अब इसके मामले आने से टेंशन बढ़ गई है
देश में कोरोना के मामले कम होते नज़र आ रहे हैं। ओमिक्रॉन स्ट्रेन से पहले देश में डेल्टा ने खूब तबाही मचाई थी। हालांकि ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। अब इससे जुड़ी एक नई स्टडी सामने आई है जो किसी के लिए भी चिंता बढ़ा सकती है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगला कोविड वेरिएंट और खतरनाक साबित हो सकता है।
WHO का कहना है कि अब और भी नए वैरिएंट आ सकते हैं जो ओमीक्रोन से भी ज्यादा तेजी से फैल सकते हैं। इस चेतावनी के बीच ही यूके से नया वेरिएंट मिलने की खबर आई है। डेल्टा और ओमीक्रोन के कॉम्बिनेशन से बना 'डेल्टाक्रोन' वेरिएंट को पहले लैब एरर समझा गया था, मगर अब इसके मामले आने से टेंशन बढ़ गई है। ये खबर ऐसे समय में बहुत मायने रखती है जब फरवरी के बाद लिए गए ज्यादातर सैंपल में ओमिक्रॉन स्ट्रेन पाया गया था।
बता दें, बीते 24 घंटे में कोरोना के 30 हजार 615 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 514 लोगों की मौत हुई है। 24 घंटे में 82 हजार 988 लोग ठीक हुए हैं। कल यानी 15 फरवरी से तुलना करें तो कोरोना केस में 11 प्रतिशत का उछाल आया है। एक्टिव केस की संख्या 3 लाख 70 हजार 240 है। पॉजिटिविटी रेट भी 2.45 प्रतिशत पहुंच गया है।
वैज्ञानिकों का मानना है, ऐसे समय में जब कोरोना के मामले तेजी से कम हो रहे हैं तो सभी देश कोविड प्रतिबंधों में भी ढील दे रहे हैं। ऐसे में ये नया स्ट्रेन चिंता बढ़ा सकता है। अगर चार हफ्ते तक ऐसे ही मामले कम रहते हैं तो कहा जा सकता है कि कोरोना की रफ्तार कम हो रही है। इस फेज 'एंडेमिक' फेज़ भी कहा जा सकता है। भले ही अभी मामलों में गिरावट तेजी से आ रही है, लेकिन हमें फिर भी चार हफ्ते तक इंतज़ार करना होगा। कोरोना ऐसी बीमारी है जिसकी कोई भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।