Highlights
- भारत में कोरोना मरीजों को लेकर टूटा 152 दिनों का रिकॉर्ड
- कोविड की वजह से 45 और मरीजों की हुई मौत
- मृतकों की संख्या अब बढ़कर 5,25,870 हो गयी है
Corona Cases: भारत में एक दिन में कोरोना के 21,566 नए मामले सामने आए हैं, जो 152 दिनों बाद आए संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं। इसके साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या जिनका इलाज चल रहा है, बढ़कर 1,48,881 हो गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार, कोविड की वजह से 45 और मरीजों की मौत हो गई। मृतकों की संख्या अब बढ़कर 5,25,870 हो गयी है।
जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 4,38,25,185 पर पहुंच गयी है। इलाज वाले मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.34 प्रतिशत है, जबकि कोरोना से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.46 फीसदी पर है। आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 3,227 की वृद्धि हुई है। संक्रमण की दैनिक दर 4.25 फीसदी, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 4.51 फीसदी दर्ज की गयी है। कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या अब बढ़कर 4,31,50,434 हो गयी है, जबकि मृत्यु दर 1.2 फीसदी बना हुआ है।
200 करोड़ के पार जा चुका वैक्सीनेशन का मामला
देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 200 करोड़ के पार पहुंच गया है। वैक्सीन डोज की यह संख्या वैक्सीन के पहले, दूसरे और प्रिकॉशन डोज को मिलाकर है। वैक्सीनेशन के मामले में अब केवल चीन हमसे आगे है। चीन ने कुल 341 करोड़ कोरोना डोज लगाए हैं। इनमें 126 करोड़ लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को गर्व का क्षण बताया है। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैक्सीन के 200 करोड़ डोज का आंकड़ा पार करने पर खुशी जताई है।
उन्होंने इस बात पर भी संतोष जताया कि वैक्सीनेशन की रफ्तार अच्छी रही। नड्डा ने कहा कि आज हमने कोविड वैक्सीन अभियान के तहत 200 करोड़ वैक्सीन की डोज़ पूरी कर ली है, ये बेहद खुशी की बात है। पहले एक वैक्सीन को एक देश तक पहुंचने में 20-30 साल लगते थे, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में 9 महीनों में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा सिर्फ 1 नहीं बल्कि 2 वैक्सीन बनाई गईं। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज टीकाकरण अभियान बना रहे हैं।
98 फीसदी आबादी को लग गई कम से कम एक खुराक
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 98 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, जबकि 90 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार, 15-18 वर्ष के बीच के 82 प्रतिशत किशोरों को भी टीके की एक खुराक दी जा चुकी है, जबकि 68 प्रतिशत किशोरों को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं। इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान तीन जनवरी से शुरू हुआ।