हरिद्वारः कांवड़ यात्रा रूट के ढाबों पर नाम लिखकर पहचान बताने वाला विवाद अभी पूरी तरह से थमा नहीं है कि हरिद्वार में प्रशासन के एक और निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। इस बार कांवड़ रूट पर पड़ने वाले मस्जिद और मजारों को त्रिपाल से ढक दिया गया। विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने दोपहर बाद मस्जिदों और मजारों से पर्दा हटा लिया है। पुलिस के दो जवानों ने पहुंचकर पर्दा हटाया। मस्जिद ढकने का जवाब प्रशासन नहीं दे पा रहा था।
बता दें कि ज्वालापुर के रामनगर कॉलोनी स्थित मस्जिद और दुर्गा चौक के पास स्थित मजार के गेट पर बड़ा तिरपाल लगाया गया था। हालांकि इससे पहले कावड़ यात्रा के दौरान मस्जिद और मजार को कभी नहीं ढका गया है।
मौलाना ने प्रशासन पर उठाए सवाल
मजार और मस्जिद के केयरटेकर और मौलाना प्रशासन के इस फैसले से अनजान है। उनका कहना है कि इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की गई है। जबकि कई दशकों से यहां से कांवड़िए गुजर रहे हैं और कावड़िया मजार के बाहर पेड़ की छाया में आराम भी करते हैं। लोग यहां पर पहले चाय-पानी भी करते थे।
मजार के केयर टेकर ने कही ये बातें
मजार के केयर टेकर शकील अहमद ने कहा कि वह पिछले 40 साल से लोगों को कांवड़ ले जाते देख रहा है। कभी कोई विवाद तो हुआ नहीं। इस बार पहली बार प्रशासन ने मजार और मस्जिदों को ढकवा दिया। पता न क्या उनकी मंशा है। शकील ने कहा कि प्रशासन का यह फैसला ठीक नहीं है।
मंत्री सतपाल ने प्रशासन के फैसले का किया बचाव
इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी बात करने से बच रहे हैं। हालांकि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि कावड़ यात्रा व्यवस्थित रूप से चले इसके लिए मस्जिद और मजारों को ढका गया है। कावड़ यात्रा के दौरान कोई उत्तेजना न हो और भड़के नहीं। इसका ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब कोई निर्माण कार्य होता है तब भी ढक दिया जाता है। देखते हैं इसका क्या फीडबैक मिलता है। उसका अध्ययन करेंगे।
रिपोर्ट- सुनील दत्त पांडे