संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो ओपेन और फ्यूचरिस्टिक है और अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारे संविधान की स्पिरिट यूथ सेंट्रिक है।" उन्होंने कहा, "दुनिया भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है, एक ऐसा देश जिसके बारे में आशंका जताई जाती थी कि वह (भारत) अपनी आजादी बरकरार नहीं रख पाएगा। आज वही देश पूरी सामर्थ्य से अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।"
बता दें, आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर की तारीख काफी खास है। इसी दिन गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे भारत ने संविधान को अंगीकार किया था। यानी इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी। यही वजह है कि आज के दिन को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। अपने देश के संविधान को हमने 73 साल पहले 26 नवंबर, 1949 को अपनाया था।
भारत के संविधान की सबसे खास बात ये है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसके अनुच्छेद 368 के आधार पर संसद को संविधान में संशोधन करने का अधिकार दिया गया है। अब तक इसमें 105 संशोधन किए जा चुके हैं। तो चलिए अब जान लेते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद यानी साल 2014 से 2022 के बीच संविधान में कितनी बार संशोधन हुआ है।
2014-2022 में संविधान में हुए संशोधन-
- 99वां संशोधन (2015)- राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियिम
- 100वां संशोधन (2015)- भारत-बांग्लादेश के बीच भू-सीमा संधि
- 101वां संशोधन (2016)- वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी अधिनियम
- 102वां संशोधन (2018)- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा
- 103वां संशोधन (2019)- ईडब्ल्यूएस को शिक्षण संस्थानों, नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण
- 104वां संशोधन (2019)- लोकसभा, विधानसभाओं में एससी, एसटी आरक्षण 10 साल बढ़ा
- 105वां संशोधन (2021)- सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान