Highlights
- ईडी की कार्रवाई ने रिश्तों पर जमी बर्फ पिघला दी!
- विरोध में रहने वाले G-23 के नेता अब सोनिया गांधी के बचाव में
- गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा सोनिया गांधी के बचाव में
Congress: गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी के दो ऐसे नेता हैं जो बीते कई दिनों से गांधी परिवार के विरोध में बोलने को लेकर चर्चा में रहे हैं। हालांकि आज जब गांधी परिवार पर मुसीबत आई है तो ये नेता सोनिया गांधी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सोनिया गांधी से पूछताछ के औचित्य को लेकर सवाल खड़े करते हुए, बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की सेहत और उम्र को देखते हुए उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जाना उचित नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा
पार्टी के ‘जी 23’ समूह के इन दोनों प्रमुख नेताओं ने यह भी कहा कि जब इसी मामले में राहुल गांधी से पांच दिनों की पूछताछ हो चुकी है, तो फिर सोनिया गांधी से पूछताछ का कोई मतलब नहीं है। आजाद ने मीडिया कर्मियों से कहा, ‘‘नेशनल हेराल्ड से जुड़े कौन से कागजात हैं जिनकी कई वर्षों से जांच की जा रही है? एक समय में यह भी कहा गया था कि इस मामले में कुछ नहीं है। फिर राहुल गांधी जी से पांच दिनों तक पूछताछ क्यों की गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे समझ में नहीं आया कि जब मामला एक है, परिवार एक है, जब राहुल गांधी से पांच दिन कई घंटों तक पूछताछ की गई, तो फिर उसी मामले में सोनिया जी को बुलाने के लिए क्या जरूरत थी? राहुल जी जवान हैं, लेकिन सोनिया जी की उम्र काफी है, वह पिछले कुछ वर्षों से बीमार भी हैं।"
आजाद ने कहा, ‘‘इतने वर्षों से संगठन और एक राजनीतिक परिवार में रहने के कारण सोनिया जी ने भले ही राजनीतिक जानकारी हासिल की है, लेकिन इन सब तकनीकी बातों के बारे में वह कैसे जानेंगी।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘आपके पास कागज है तो आपने राहुल गांधी जी से लंबी पूछताछ की, वही काफी है। पहले जंग होती थी तो बादशाह की तरफ से हिदायत होती थी कि महिला और बीमार पर हाथ नहीं उठाना। यह हमारी परंपरा रही है। ईडी को ध्यान रखना चाहिए कि सोनिया जी को बार-बार बुलाना ठीक नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने क्या कहा
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘भारत संवैधानिक लोकतंत्र है, देश में कानून का शासन है। इसमें मौलिक अधिकारों के साथ प्रतिष्ठा और निजी स्वतंत्रता का भी सम्मान होना चाहिए। यह बहुत परेशान करने वाला चलन हो गया है कि कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों को अपमानित करने के लिए यह इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी जी से पूछताछ की गई है तो फिर सोनिया जी को क्यों बुलाया गया है। सोनिया जी की उम्र और सेहत का ध्यान रखा जाना चाहिए।"
इनपुट; एजेंसी