लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर बुधवार को सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में चर्चा होनी चाहिए। चौधरी ने कहा, ‘‘1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि (तवांग में झड़प पर) यहां चर्चा हो।’’इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में फैसला होगा।
भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा को बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया। रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी थी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिये मना किया गया है।
एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच गत शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।