Highlights
- विपक्ष बोला- अनिवार्य मतदान की बाध्यता उचित नहीं
- बीजेपी की दलील, "विधेयक से लोकतंत्र होगा मजबूत"
- "मतदाता पहचान पत्र को आधार के साथ जोड़ना चाहिए"
नई दिल्ली: विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि देश में अनिवार्य मतदान की बाध्यता उचित नहीं होगी और सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि लोग चुनावी प्रक्रिया की तरफ खुद ही आकर्षित हों। वहीं दूसरी तरफ, भाजपा के कुछ सांसदों ने कहा कि अनिवार्य मतदान होना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
भाजपा सांसद जर्नादन सिंह ‘सिग्रीवाल’ द्वारा लाए गए गैर सरकारी विधेयक ‘अनिवार्य मतदान विधेयक, 2019’ पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा कि हमें एक व्यवस्था बनानी होगी जिससे लोगों को मतदान के लिए आकर्षित किया जा सके, लोगों को लोकतंत्र में विश्वास बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘हमें चुनावी तंत्र में धनबल और बाहुबल को खत्म करने की जरूरत है।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि NRI लोगों को मतदान का अधिकार दिया जाना चाहिए क्योंकि वे हमारे देश में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमें मतदान के लिए मत पत्रों की तरफ वापस लौटने के लिए चर्चा करनी होगी ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास बहाल रहे।’’
वहीं, भाजपा सांसद जमयांग नामग्याल ने कहा कि मतदान को अनिवार्य बनाना बहुत जरूरी है। मतदान एक मौलिक कर्तव्य हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनिवार्य मतदान से सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को अलग रखना चाहिए। उनके अनुसार, बहुत सारे लोग मतदान के समय घर से नहीं निकलते हैं, लेकिन जब जन प्रतिनिधि उनके पास जाते हैं तो वो बुरा-भला कहते हैं। नामग्याला ने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि आज भी बहुत सारे लोगों के दिमाग में भर दिया गया है कि राजनीति एक गंदा खेल है। यह अच्छा विचार नहीं है। राजनीतिक कभी गंदी नहीं हो सकती।’’
नामग्याल ने कहा कि युवा पीढ़ी का राजनीति या मतदान से दूर रहना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं रहेगा। भाजपा सांसद ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र को आधार के साथ जोड़ना चाहिए। चर्चा में भाग लेते हुए IUML के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि इस देश में भौगोलिक एवं अन्य सीमाओं की वजह से अनिवार्य मतदान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में प्रवासी भारतीयों का मतदान सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। उन्होंने कहा कि प्रॉक्सी या ऑनलाइन माध्यम से एनआरआई के मतदान को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बशीर ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में इसे लागू नहीं किया जा रहा और इसके पीछे कोई एजेंडा नजर आता है।