सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरू गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर साल देशभर में गुरुनानक जयंती मनाई जाती है। ऐसे में 27 नवंबर को पूरे देश में गुरुनानक जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। इस बीच कई राज्यों के मुख्यमंत्री गुरुद्वारे पहुंचे। यहां उन्होंने मत्था टेका और राष्ट्र के नाम संदेश भी दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ 554वें प्रकाश पर्व के अवसर पर लखनऊ के आशियान इलाके में स्थिति गुरुद्वारे में पहुंचे। यहां उन्होंने 554वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
गुरुद्वारे पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी ने यहां कहा कि सिख धर्म पूजा-पाठ के के गहन ज्ञान से भरा हुआ है। गुरुनानक देव जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया और इसे धार्मिक जागरूकता के कार्यक्रमों से जोड़ा। ये कार्यक्रम आगे बढ़े और परिणामस्वरूप देश और धर्म की रक्षा हुई। सीएम ने कहा कि गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविंद सिंह और उनके चार साहिबजादे के साथ-साथ हजारों सिखों के बलिदान की कहानी देश को नई प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि खालसा सिर्फ एक पंथ नहीं है। यह आस्था और देश की रक्षा के लिए गुरुओं के आशीर्वाद से निकली एक ज्योति है। जिसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी आक्रांताओं को झुकाया।
सीएम योगी ने कहा कि सिख पंथ की स्थापना ही मुगल सल्तनत के पतन का कारण बनी। मुगल पूरे देश में फैले थे। आज सिख पूरे विश्व में फैले हुए हैं। लेकिन अब मुगल साम्राज्य कहीं नजर नहीं आता है। क्योंकि वह सत्य और आस्था का मार्ग था। उन्होंने कहा कि चार साहिबजादों ने देश और धर्म के लिए क्या किया। औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करवाल झुकाने की कोशिश की। लेकिन दो छोटे बेटों ने दीवार में चुनवाना स्वीकर कर लिया। अन्य दो बेटों अजीत सिंह और जुझार सिंह ने युद्ध के मैदान में जान गंवा दी, लेकिन दुश्मन के आगे झुके नहीं।
अन्य मुख्यमंत्री पहुंचे गुरुद्वारे
गुरुनानक जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गुरुद्वारा पहुंचे। सीएम शिवराज रायसेन के ओबेदुल्लागं में स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। यहां उन्होंने मत्था टेका। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी गुरुद्वारे में मत्था टेका। खट्टर नादा साहिब गुरुद्वारे पहुंचे और प्रार्थना की। यहां उन्होंने गुरुनानक देव को श्रद्धांजलि दी।