चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य में ‘मिगजॉम’ तूफान से प्रभावित लोगों को 6-6 हजार रुपये की नकद सहायता देने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने फसल खराब होने पर मिलने वाले मुआवजे सहित विभिन्न श्रेणियों में राहत राशि बढ़ाने की शनिवार को घोषणा की। सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह सहायता उन लोगों को दी जाएगी जिनकी आमदनी चक्रवात के कारण प्रभावित हुई है। सरकार यह सहायता राशन की दुकानों पर कैश के रूप में देगी। MSME क्षेत्र के लिए राहत की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है।
‘बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है’
केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 प्रभावित जिलों में लगभग 5000 MSME यूनिट्स ठप हैं क्योंकि लगातार बारिश के कारण कच्चा माल और निर्मित उत्पाद दोनों खराब हो गए हैं। चेन्नई में जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, स्टालिन ने सीतारमण से कहा कि बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है और सड़कों की मरम्मत कर दी गई है लेकिन उत्पादन फिर से शुरू होने में समय लगेगा। चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ के कारण 3 और 4 दिसंबर को चेन्नई और आसपास के जिलों चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे बाढ़ आ गई तथा जानमाल की हानि हुई।
सीएम ने कई मदों में बढ़ाया मुआवजा
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सचिवालय में उनकी अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें बाढ़ से हुए नुकसान और प्रभावित लोगों को दी जाने वाली राहत की समीक्षा की गई। एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सीएम स्टालिन ने धान सहित बारिश से प्रभावित फसलों (33 प्रतिशत और अधिक) के लिए मुआवजा 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 17,000 रुपये करने का आदेश दिया है। वहीं, यदि बारहमासी फसलें और पेड़ प्रभावित हुए हैं तो प्रति हेक्टेयर मुआवजा 18,000 रुपये से बढ़ाकर 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया जाएगा। वर्षा आधारित फसलों के लिए मुआवजा 7,410 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 8,500 रुपये किया जाएगा।
गाय-बैल के मारे जाने पर भी मुआवजा बढ़ा
विज्ञप्ति के मुताबिक, चक्रवात के कारण बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी। नावों और मछली पकड़ने के जालों को नुकसान होने की स्थिति में सहायता देने के लिए सरकार ने श्रेणी-वार रूपरेखा तैयार की है। इसके मुताबिक क्षतिग्रस्त मशीनीकृत नौकाओं के लिए अधिकतम सब्सिडी 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपये करना शामिल है। गाय-बैल समेत मवेशियों के मारे जाने पर मुआवजा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 37,500 रुपये किया जाएगा। ‘वेलाडू’ और ‘सेम्मारी आडू’ जैसी बकरी की नस्लों के लिए मुआवजा 3,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया जाएगा।
सरकार ने बांटे खाने के लाखों पैकेट
क्षतिग्रस्त झोपड़ियों के लिए मदद अब 5 हजार रुपये से बढ़कर 8 हजार रुपये होगी। सरकार ने कहा कि चक्रवाती तूफान के कारण शुरू हुई बारिश से 8 दिसंबर तक अकेले चेन्नई जिले में 47 लाख खाने के पैकेट बांटे गए हैं। कुल मिलाकर, चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में लोगों को 51 लाख भोजन पैकेट उपलब्ध कराए गए। ब्रेड और बिस्किट के पैकेट के अलावा 58,000 किलोग्राम से अधिक दूध पाउडर और लगभग 10 लाख पीने के पानी की बोतलें वितरित की गईं। बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर DMK सरकार को मुख्य विपक्षी दल AIADMK और BJP की आलोचना का सामना करना पड़ा है।
(इनपुट: पीटीआई)
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