उत्तराखंड में लैंड जिहाद और मजार जिहाद शब्द इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज गंगा के आस-पास, गंगा के तटों और अनेकों जगहों पर अतिक्रमण हुआ है। हमने तय किया है कि उत्तराखंड में हम 'लैंड जिहाद' और 'मजार जिहाद' बिल्कुल नहीं होने देंगे। हमने ऐसे 1 हजार स्थान चिह्नित किए हैं जहां पर इस प्रकार का अतिक्रमण हुआ है। उसको हटाने का काम हमने प्रारंभ कर दिया है। बता दें कि बीते दिनों सीएम ने लैंड जिहाद को लेकर बड़ा पैसला लिया था। ताकि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हटाई जा सके।
लैंड जिहाद और मजार जिहाद पर सीएम सख्त
सीएम ने बीते कल इस बाबत कहा कि यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है। लेकिन यदि विपक्ष के लोग इसकी सराहना कर रहे हैं तो यह अच्छी बात है। उनका कहना है कि लैंड जिहाद से संबंधित उत्तराखंड में जितने भी मामले हैं उनके खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर कांग्रेस ने अपने नेताओं को किसी भी टीवी चैनल पर मजारों या किसी भी तरह की धार्मिक बहस में न बैठने की सलाह दी है। वहीं मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी लैंड जिहाद या मजार जिहाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जंगल की जमीन पर बनी हैं मजारें
उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में राजाजी नेशनल पार्क और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे विशाल जंगल है। राज्य का करीब 60 फीसदी हिस्सा इन जंगलों से घिरा हुआ है। लेकिन बीते कुछ दिनों में इन जंगलों की भूमि पर इंसानों ने दखल देना शुरू कर दिया है और वन विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। यहां लोगों द्वारा जमीन कब्जा कर मजार बनाया जा रहा है। ऐसे में अवैध कब्जे के मद्देनजर उत्तराखंड वन विभाग ने साल 2022 में अपनी भूमि पर बनाए गए अवैध मजारों की लिस्ट तैयार की थी और पूरे राज्य में ऐसी सभी अवैध कब्जों वाली वन भूमि को भी चिन्हित किया गया था जिसके खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी।