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उत्तराखंड में नकल करने और करवाने वालों की अब खैर नहीं, आजीवन कारावास और 10 करोड़ तक का जुर्माना

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Swayam Prakash Published : Feb 10, 2023 0:00 IST, Updated : Feb 10, 2023 6:22 IST
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
Image Source : FILE PHOTO उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है। सीएम धामी ने उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को लागू कर दिया है। इस नए अध्यादेश के लागू होने के बाद नकल करने और करवाने वालों की खैर नहीं।

नकल करने पर 10 साल तक की कैद 10 लाख जुर्माना

प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 के लागू होने के बाद छात्र अगर नकल करते या कराते पकड़ा गया तो उसे तीन साल कारावास और पांच लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है। और वह छात्र दोबारा पकड़ा गया तो उसे कम से कम 10 साल की सज़ा और 10 लाख तक के जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के इस्तेमाल करते पाए जाने पर अर्जित संपत्ति की कुर्की की जाएगी। 

आजीवन कारावास और दस करोड़ रूपये तक की सजा
प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, मैनेजमेंट, कोचिंग संस्थान अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाते हैं तो उसके लिए आजीवन कारावास की सजा और 10 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है।  अगर कोई शख्स संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ साजिश करता है तो भी आजीवन कारावास की सजा और 10 करोड़ का जुर्माना देना होगा।

भर्ती परीक्षा घोटाले के खिलाफ प्रदर्शनकारी युवाओं पर लाठीचार्ज 
बता दें कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर गुरुवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ प्रदर्शनका​री घायल हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आज की पथराव और लाठीचार्ज की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना की मजिस्ट्रेट जांच के लिए शासन द्वारा आयुक्त गढ़वाल मण्डल को जांच अधिकारी नामित किया गया है। दरअसल, युवाओं के प्रदर्शन से दिन भर देहरादून की कई सडकों पर जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था चरमरा गई। विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार से जारी बेरोजगारों के प्रदर्शन ने बृहस्पतिवार को हिंसक रूप ले लिया।

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