Monday, December 23, 2024
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झारखंड में कम बिकी शराब तो भड़क गए सीएम सोरेन, लगा दी अफसरों की क्लास, कहा- 'सख्त कदम उठाएं'

राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होने पर मैन पावर देने वाली एजेंसियों पर अक्टूबर में 18.22 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। सरकारी दुकानों में शराब बिक्री से कम राजस्व प्राप्ति की एक बड़ी वजह अवैध शराब बिक्री बताई गई है।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Nov 29, 2022 18:31 IST, Updated : Nov 29, 2022 18:36 IST
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
Image Source : FILE झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

शराब, राज्य सरकारों के लिए एक दुधारू गाय की तरह है। सरकारों के खजाने भरने में इसका सबसे बड़ा योगदान होता है। अप्पको याद होगा कि कोरोना के समय पहले लॉकडाउन के बाद सबसे पहले शराब की दुकानें खोली गई थीं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण था राज्यों के खाली हुए खजाने। इन्हें जल्द से जल्द भरना था, क्योंकि इसी के बलबूते पर योजनाएं आगे बढ़ाई जानी थीं। 

अब झारखंड में शराब की कम बिक्री से सरकार के खजाने की सेहत प्रभावित हो रही है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में नवंबर महीने तक शराब की बिक्री से सरकारी खजाने में 1600 करोड़ रुपए लाने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन मात्र 1084 करोड़ रुपए का ही राजस्व हासिल हो सका। इसपर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चिंतित हैं। उन्होंने आबकारी विभाग के अफसरों और राज्य में शराब बिक्री के लिए जिम्मेदारी एजेंसी को फटकार लगाई है।

कंसल्टेंट कंपनी की सलाह पर बनी थी शराब नीति 

झारखंड सरकार ने राज्य में शराब बिक्री से राजस्व वृद्धि के लिए इसी साल छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को कंसल्टेंट बहाल किया था। इस कॉरपोरेशन की सलाह पर बनी पॉलिसी के तहत राज्य भर में शराब बिक्री का जिम्मा सरकार ने खुद लेते हुए इसके लिए मैनपावर एजेंसियां बहाल की हैं। राज्य भर में शराब की लाइसेंसी दुकानों का संचालन इन्हीं एजेंसियों के जरिए किया जा रहा है। 

शराब की दुकान

Image Source : FILE
शराब की दुकान

शराब बिक्री का अब तक 68% लक्ष्य हासिल हुआ  

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई पॉलिसी लागू होने के बाद राजस्व वसूली की स्थिति की समीक्षा की तो यह आंकड़ा सामने आया कि नवंबर महीने तक लक्ष्य का मात्र 68 प्रतिशत राजस्व ही हासिल हो पाया है। उन्होंने एजेंसियों और विभाग के अफसरों को वित्त वर्ष के बाकी चार महीनों में शराब बिक्री से अनुमानित राजस्व का लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल करने का निर्देश दिया है। एजेंसियों को कहा गया है कि नवंबर महीने तक अनुमानित राजस्व में 562 करोड़ की जो कमी रह गई है, उसे अगले क्वार्टर तक हर हाल में पूरा करें।

शराब की दुकानों के कर्मचारियों के वेतन का हो जल्द भुगतान 

सीएम ने शराब दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न किए जाने की शिकायतों पर भी नाराजगी जताते हुए एजेंसियों को तत्काल बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया। उन्होंने दुकान संचालकों को अगले 15 दिनों के अंदर अपनी कार्यशैली में सुधार लाने, खुदरा शराब दुकानों के बाहर रेट लिस्ट लगाने, शराब की अधिक कीमत पर बिक्री की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई करने को कहा। 

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