Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. यह कहना गलत कि कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी है: CJI चंद्रचूड़

यह कहना गलत कि कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी है: CJI चंद्रचूड़

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए हमारे यहां कॉलेजियम प्रणाली है जो 1993 से हमारी न्याय व्यवस्था का हिस्सा है और इसी प्रणाली को हम लागू करते हैं। लेकिन यह कहने के बावजूद, कॉलेजियम प्रणाली के मौजूदा सदस्यों के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम इसे कायम रखें तथा इसे और पारदर्शी बनाएं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: January 02, 2024 10:14 IST
CJI Justice DY Chandrachud- India TV Hindi
Image Source : PTI CJI डी. वाई. चंद्रचूड़

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम व्यवस्था का बचाव करते हुए कहा कि इसमें अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि प्रक्रिया की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन न्यायाधीशों की नियुक्ति से पहले परामर्श की उचित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के लिए कॉलेजियम के द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

कॉलेजियम में होने वाली चर्चा को सार्वजनिक नहीं क्यों नहीं किया जाता?

उन्होंने कहा, "यह कहना कि कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है, उचित नहीं होगा। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि अधिक पारदर्शिता बनी रहे। निर्णय लेने की प्रक्रिया में निष्पक्षता की भावना बनी रहनी चाहिए। जब हम सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए न्यायाधीशों के नामों पर विचार करते हैं, तो हम उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीशों के करियर पर भी विचार करते हैं।’’ उन्होंने कहा, "इसलिए कॉलेजियम के भीतर होने वाली चर्चा को कई विभिन्न कारणों से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। हमारी कई चर्चाएं उन न्यायाधीशों की निजता पर होती हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए विचाराधीन हैं। वे चर्चाएं यदि उन्हें स्वतंत्र और खुले माहौल में होनी हैं, तो वे वीडियो रिकॉर्डिंग या दस्तावेजीकरण का विषय नहीं हो सकतीं। यह वह प्रणाली नहीं है, जिसे भारतीय संविधान ने अंगीकार किया है।’’

'प्रक्रिया की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन...'

चीफ जस्टिस ने कहा कि विविधतापूर्ण समाज को ध्यान में रखते हुए यह भी महत्वपूर्ण है कि हम निर्णय लेने की अपनी प्रक्रिया पर भरोसा करना सीखें। उन्होंने कहा, "प्रक्रिया की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन अब, जबकि मैं कई साल से इस प्रक्रिया का हिस्सा हूं, तो मैं आपके साथ साझा कर सकता हूं कि किसी न्यायाधीश की नियुक्ति से पहले परामर्श की उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए हमारे न्यायाधीशों द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।’’

कॉलेजियम प्रणाली 1993 से हमारी न्याय व्यवस्था का हिस्सा है- CJI

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत का प्रधान न्यायाधीश होने के नाते वह संविधान और शीर्ष अदालत द्वारा इसकी व्याख्या करने वाले कानून से बंधे हैं। उन्होंने कहा, "न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए हमारे यहां कॉलेजियम प्रणाली है जो 1993 से हमारी न्याय व्यवस्था का हिस्सा है और इसी प्रणाली को हम लागू करते हैं। लेकिन यह कहने के बावजूद, कॉलेजियम प्रणाली के मौजूदा सदस्यों के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम इसे कायम रखें तथा इसे और पारदर्शी बनाएं। इसे और अधिक उद्देश्यपूर्ण बनाएं। और हमने उस संबंध में कदम उठाए हैं, निर्णायक कदम उठाए हैं।’

(इनपुट- भाषा)

यह भी पढ़ें-

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement