Highlights
- RSS के ऑफिस को केंद्र सरकार ने CISF की सुरक्षा दी
- सेंट्रल दिल्ली के झंडेवालान में हैं इसके कैंप कार्यालय
- एक सितंबर से CISF की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई
राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय को केंद्र सरकार ने CISF की सुरक्षा मुहैया करायी है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेंट्रल दिल्ली के झंडेवालान स्थित मुख्य 'केशव कुंज' कार्यालय और 'उदासीन आश्रम' के पास स्थित इसके कैंप कार्यालय को एक सितंबर से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट पर गृह मंत्रालय ने लिया फैसला
अब CISF के जवान दोनों बिल्डिंग परिसरों में एंट्री और एग्जिट को कंट्रोल करेंगे और परिसर की सुरक्षा के लिए गार्ड अलग-अलग प्वाइंट पर तैनात किए जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर कार्यालय को सीआईएसएफ सुरक्षा मुहैया कराने की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पहले से ही CISF की वीआईपी सुरक्षा इकाई की 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा में हैं। सीआईएसएफ द्वारा संगठन के नागपुर कार्यालय को भी सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।
हवाईअड्डों पर CISF के 3,000 पद हुए खत्म
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने भारतीय हवाईअड्डों पर सुरक्षा ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए 3,000 से अधिक सीआईएसएफ पदों को खत्म कर दिया है। अब उनकी जगह हवाईअड्डों पर गैर-संवेदनशील ड्यूटी निजी सुरक्षा गार्ड करेंगे। नागर विमानन मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से संयुक्त रूप से तैयार 2018-19 कार्य योजना को अब देश भर के 50 असैन्य हवाईअड्डों पर लागू किया जा रहा है। इसका क्रियान्वयन नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) मिलकर करेंगे।
विमानन सुरक्षा के नियामक संगठन बीसीएएस की योजना के मुताबिक, सीआईएसएफ के कुल 3,049 विमानन सुरक्षा पदों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह पर 1,924 निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे और सामान के स्कैनर जैसी स्मार्ट निगरानी तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘इस नए सुरक्षा ढांचे से विमानन क्षेत्र में 1,900 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। इससे सीआईएसएफ के मानव संसाधन भी बढ़ेंगे जिससे यह बल सुरक्षा दायरे में आने वाले नए हवाईअड्डों और मौजूदा हवाईअड्डों पर सुरक्षा ड्यूटी की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकेगा।’’