Highlights
- अमेरिका ने चिनूक हेलीकॉप्टर पर रोक लगाई
- हेलीकॉप्टर के इंजनों में आ रही है काफी दिक्कत
- अमेरिका में पूरे बेड़े का इस्तेमाल रोका गया
Chinook Helicopter: अमेरिकी सेना ने इंजन में आग लगने का खतरा पाए जाने के बाद CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टरों के अपने बेड़े को ग्राउंड कर दिया है। मीडिया में आईं खबरों के अनुसार अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि ईंधन रिसाव के कारण इंजन में मामूली आग लगने की सूचना मिलने के बाद सेना ने चिनूक हेलीकॉप्टरों के अपने पूरे बेड़े के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। अमेरिकी सेना लगभग 400 चिनूक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है।
खबरों के अनुसार, अमेरिकी सेना ने ईंधन रिसाव के कारण की पहचान कर ली है, जिसके चलते CH-47 हेलीकॉप्टरों के इंजन में आग लगी थी। हमारी भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भी चिनूक हेलीकॉप्टरों के बेड़े का इस्तेमाल करती है। तो चलिए अब जान लेते हैं कि इस हेलीकॉप्टर के साथ क्या समस्याएं हैं और वायुसेना के लिए अमेरिका से आई इस खबर का क्या मतलब हो सकता है?
अमेरिकी वायु सेना ने किस वजह से चिनूक को ग्राउंड किया?
अमेरिकी वायु सेना 400 चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है, जिन्हें बोइंग ने बनाया है। यह मीडियम-लिफ्ट, बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टर हैं, जो सैन्य संचालन के तौर पर कई तरह के काम करते हैं। द वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना ने चिनूक बेड़े पर रोक लगा दी है क्योंकि यह संदेह है कि अनगिनत हेलीकॉप्टरों के कुछ इंजनों में आग लग गई। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बेशक इन आग लगने की घटनाओं के कारण कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन फिर भी ये फैसला एहतियात बरतते हुए लिया गया है।
हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी ने क्या कहा?
इस मामले में बोइंग ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि वॉल स्ट्रीट जनरल ने कहा है कि दिक्कत इंजन बनाने वाली कंपनी हनीवेल इंटरनेशनल इंक से है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इंजन के कुछ पुर्जे, जैसे ओ-रिंग, उस डिजाइन के मुताबिक नहीं थे, जिसके मुताबिक होने चाहिए।
इस खबर का आईएएफ के लिए क्या मतलब होगा?
भारतीय वायुसेना यानी आईएएफ के चिनूक हेलीकॉप्टर हमेशा की तरह काम कर रहे हैं। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सेना द्वारा चिनूक सीएच -47 हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने की जानकारी मिलने के बाद आईएएफ मुख्यालय ने ‘बोइंग इंडिया’ को एक पत्र भेजा है। बताया जा रहा है ‘बोइंग इंडिया’ ने भारतीय वायुसेना को सूचित किया है कि वायुसेना द्वारा संचालित किए जा रहे चिनूक सीएच-47 एफ (आई) हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के बेड़े में आई समस्या से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुए हैं।
वायुसेना फिलहाल 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है। मामले से परिचित लोगों में से एक ने कहा, 'आईएएफ का चिनूक बेड़ा हमेशा की तरह काम कर रहा है।' इस मामले पर भारतीय वायु सेना या ‘बोइंग इंडिया’ की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई। भारतीय वायुसेना लद्दाख समेत विभिन्न अभियानों में अपने चिनूक बेड़े का बड़े पैमाने पर उपयोग करती है। यही वजह है कि आईएएफ ने अपने हेलीकॉप्टरों को अभी तक ग्राउंड नहीं किया है। वह अमेरिका में हुई इस घटना को लेकर अधिक जानकारी का इंतजार कर रही है।
चिनूक को 2019 में चंडीगढ़ में एक समारोह में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। चिनूक की एक हेलीकॉप्टर यूनिट चंडीगढ़ में स्थित है, जबकि दूसरी असम के मोहनबाड़ी एयरबेस में है।
क्या है चिनूक हेलीकॉप्टर की ताकत?
चिनूक हेलीकॉप्टर की खासियत है कि ये दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी भारी वजन लेकर उड़ान भर सकता है। चिनूक बहुउद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है, जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईंधन को ढोने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग हो सकता है। चिनूक हेलिकॉप्टर में 3 क्रू मेंबर्स बैठ सकते हैं। इसकी रेंज 740 किलोमीटर है। 98 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की स्पीड 315 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं यह 12.5 फीट चौड़ा और 18.11 फीट ऊंचा होता है।