Highlights
- निजी खुफिया एजेंसी रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
- 'चीनी हैकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रणालियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे'
- लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच कई बार हो चुकी है वार्ता
नई दिल्ली: निजी खुफिया एजेंसी रिकॉर्डेड फ्यूचर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के राज्य प्रायोजित हैकरों (Chinese state-sponsored hackers) ने हाल के महीनों में लद्दाख के पास भारतीय बिजली वितरण केंद्रों (Indian electricity distribution centers) को निशाना बनाया था। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले सरकार को अपनी जानकारी से अवगत करा अलर्ट कर दिया था। हालांकि, सरकार ने अभी तक टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। खुफिया फर्म के अनुसार, चीनी हमलावर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रणालियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे।
निजी खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर (Firm Recorded Future) की रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा गया है कि हाल के महीनों में हमने कम से कम 7 इंडियन स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDCs) के संभावित नेटवर्क को टारगेट करते हुए घुसपैठ की संभावना देखी, ये सेंटर्स ग्रिड नियंत्रण और बिजली के फैलाव के लिए वास्तविक समय के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं।
लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को चीन के हैकरों द्वारा हैक करने के प्रयासों की रिपोर्ट पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि हैकिंग के ये प्रयास जनवरी, फरवरी में किए गए थे। हमने 2018 से ही साइबर सिक्योरिटी को काफी मज़बूत किया है। ऐसी कोशिश सफल नहीं होंगी।
सूत्रों ने बताया कि हमले पिछले साल अगस्त से मार्च के बीच ये सायबर अटैक हुए थे। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि भारतीय लोड डिस्पैच केंद्रों से दुनिया भर में फैले चीनी राज्य-प्रायोजित कमांड और कंट्रोल सर्वर को डेटा भेजा जा रहा है। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा, "पावर ग्रिड परिसंपत्तियों को लक्षित करने के अलावा, हमने एक राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और एक बहुराष्ट्रीय रसद कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी के साथ समझौता किया है।"
बता दें कि, पिछले 18 महीनों में भारत में स्टेट एंड रिजनल लोड डिस्पैच सेंटरों को पहले RedEcho ने टारगेट किया। अब हाल ही में TAG-38 इस तरीके की गतिविधि में शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, ये सब भारत के अंदर कुछ चुनिंदा चीन के प्रायोजित हैकरों के लिए लंबे समय के रणनीति का हिस्सा हो सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन से जुड़े कुछ ऐसे ग्रुप इस तरीके की हरकत के माध्यम से खुफिया जानकारी जुटाने के अवसरों की तलाश में रहते हैं।
गौरतलब है कि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और भारत आए चीन के विदेश मंत्री ने हाल ही में लद्दाख तनाव (Ladakh standoff) और यूक्रेन विवाद के भूराजनैतिक परिणामों पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात हुई। कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें लद्दाख में बाकी बचे इलाकों में डिस्एंगेजमेंट पूरा करने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य स्वरूप देने के लिए बाकी बचे काम खत्म करने पर जोर दिया गया।
दुनिया भर में हाई प्रोफाइल साइबर हमले बढ़ रहे हैं। पिछले साल अमेरिका के पूर्वी तट पर लाखों लोग एक बड़ी गैस पाइपलाइन पर रैंसमवेयर हमले से प्रभावित हुए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया का एक बड़ा हिस्सा एक प्रमुख ऊर्जा नेटवर्क के हिट होने के बाद बिजली खोने से कुछ ही क्षण दूर था।समूह ने कहा कि पिछले साल फरवरी में, उसने 10 अलग-अलग भारतीय बिजली क्षेत्र के संगठनों के समझौते की सूचना दी थी, जिसमें पांच क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्रों (आरएलडीसी), दो बंदरगाहों, एक बड़े उत्पादन ऑपरेटर और अन्य परिचालन संपत्तियों में से चार शामिल हैं।