Highlights
- कश्मीर में 25 अगस्त को घुसपैठ कर रहे आतंकियों के तार चीन से भी जुड़े होने के संकेत
- मारे गए तीनों आतंकियों के पास से चीन निर्मित एम-16 राइफल बरामद
- चीनी सेना का आतंकियों से गठजोड़ का सुबूत जुटाने में जुटी भारतीय सेना
Chinese ties with terrorists: वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र स्थित गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से मुंह की खा चुका चीन अब भारत से मुकाबला करने के लिए आतंकियों से गठजोड़ कर रहा है। आतंकियों से चीनी सैनिकों के संबंध होने के कई ऐसे पुख्ता संकेत भी मिले हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि भारतीय सेना से क्या चीन को अपनी हार का डर सता रहा है जो वह भी पाकिस्तान के तर्ज पर आतंकियों के सहारे छद्म युद्ध लड़ना चाहता है। क्या चीन को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की ताकत देखने के बाद इस बात को एहसास हो गया है कि वह आमने-सामने की लड़ाई में भारत से कभी लोहा नहीं ले पाएगा। क्या इसीलिए चीन अब आतंकियों से हाथ मिला रहा है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कश्मीर के उड़ी में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने के दौरान ही मौत की नींद सुलाए गए तीनों आतंकियों के तार पाकिस्तान के साथ ही साथ चीन से भी जुड़े होने के संकेत मिले हैं। इन आतंकियों के पास से चीन की बनी एम-16 राइफल बरामद हुई है। इस राइफल का इस्तेमाल चीनी सेना के जवान करते हैं। ऐसे में सवाल है कि यह हथियार आतंकियों के हाथ कैसे लगा। क्या चीन की सेना आतंकियों से गठजोड़ कर भारत में घुसपैठ कराने की नापाक कोशिश कर रही थी। क्या पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों में चीन की चाल भी शामिल हो गई है। क्या चीन भी अब पाकिस्तान की तरह आतंक के रास्ते भारत में इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देना चाहता है। ये तमाम ऐसे सवाल हैं जो कश्मीर में मारे गए तीनों आतंकियों के पास से बरामद हथियारों और सुबूतों के चलते उठ रहे हैं। अब चीन को संयुक्त राष्ट्र के सामने इसका जवाब देना ही होगा।
25 अगस्त को कमलकोट के रास्ते घुसपैठ कर रहे थे आतंकी
बीते गुरुवार को तीनों आतंकी कमलकोट के रास्ते भारत में घुसपैठ करने के फिराक में थे। इसी दौरान भारतीय सेना ने तीनों को वहीं मार गिराया था। आतंकियों के पास दो एके-47, भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ चीन में बनी एम-16 राइफल भी मिली। यह देख भारतीय सेना भी हैरान रह गई। हालांकि सेना अभी इस मामले पर और पुख्ता सुबूत इकट्ठा करने में जुटी है। ताकि इस आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके। कश्मीर में फैलाए जाने वाले आतंक में पहली बार पाकिस्तान के साथ चीनी सेना के आतंकवादियों से संबंध होने के ये संकेत मिले हैं। ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर हो गया है।
सुबूत मिलने पर क्या होगा यूएएन का कदम
आतंकियों के पास से चीन निर्मित एम-16 राइफल बरामद होने के बाद भारतीय सेना का शक काफी गहरा गया है। अब चीन की इस साजिश का राजफाश करने के लिए सेना गहराई से मामले की जांच कर रही है। यह हथियार भला इन आतंकियों के पास कैसे पहुंचा। क्या ये आतंकी पाकिस्तान के साथ ही साथ चीनी सैनिकों के इशारे पर ही भारत में घुसपैठ करने आए थे। भारतीय सेना फिलहाल बिना कुछ कहे साजिश के सटीक सुबूतों को ढूंढ़ने में जुटी है। यदि पाकिस्तान के साथ ही साथ चीनी हाथ होने का भी प्रमाण मिलता है तो निश्चित ही भारत इस मामले को संयुक्त राष्ट्र के सामने उठाएगा। ऐसे में आतंक को बढ़ावा देने के लिए चीन पर शिकंजा कसना तय है। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता प्रमाण मिलने पर पूरी दुनिया के साथ चीन की थू-थू भी होगी। अगर इसी तरह कुछ अन्य आतंकी गतिविधियों में भी चीन के शामिल होने के सुबूत मिले तो फिर संयुक्त राष्ट्र पर चीन को आतंकी राष्ट्र घोषित करने का दबाव निश्चित रूप से बढ़ेगा।
100 से 120 आतंकी हैं घुसपैठ की फिराक में
भारतीय सेना के मेजर जनरल अजय चांदपुरी के अनुसार नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों ने करीब 20 लांच पैड बना रखा है। यहां से 100 से 120 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने का मौका तलाश रहे हैं। यह प्रयास भी उसी की एक कोशिश थी, जिसे फिलहाल भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। इससे निश्चित ही पाकिस्तान के साथ ही साथ चीन को भी बड़ा झटका लगा होगा।