India Defence News: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार इतिहास रचता जा रहा है। कुछ वर्षों पहले तक फाइटर जेट और सैन्य उपकरणों व हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर भारत अब दूसरे देशों को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। नई दिल्ली में अंबेसडर कान्फ्रेंस में बोलते हुए भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत अब मेक इन इंडिया से मेक फॉर वर्ल्ड की ओर कदम बढ़ा चुका है। उन्होंने कहा कि हमने भारत में एक मजबूत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है, जिसमें प्रचुर मात्रा में तकनीकी जनशक्ति का लाभ है। इसने हाल के वर्षों में भारत को एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभारा है। पिछले 5 वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 8 गुना बढ़ा है और अब भारत 75 से अधिक देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है।
भारत के फाइटर जेट के दिवाने हुए अमेरिका जैसे देश
आपको बता दें कि मेड इन इंडिया तेजस फाइटर जेट पर तो अमेरिका तक का दिल आ चुका है। अमेरिका के साथ ही साथ, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, मिस्र और इंडोनेशिया व फिलीपींस जैसे देशों ने भारत का तेजस फाइटर जेट खरीदने के लिए संपर्क साधा है। यह फाइटर जेट सभी अत्याधुनिक तकनीकियों से लैस है। रक्षामंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और उभरते अवसरों को भुनाने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
भारत ने शुरू किया हल्के लड़ाकू विमानों का उत्पादन
अपनी और दुनिया की जरूरतों के मद्देनजर भारत ने हल्के लड़ाकू विमान का घरेलू उत्पादन किया है। लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का निर्माण भी शुरू हो गया है। हमारी बड़ी आबादी और प्रचुर मात्रा में कुशल कार्यबल ने उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में स्टार्ट-अप के नेतृत्व में एक संपन्न नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है। भारत अपनी रक्षा निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। विशेष रूप से ड्रोन, साइबर तकनीक, एआई, रडार और अन्य उपकरणों के उभरते क्षेत्रों में भारत तेजी से प्रगति कर रहा है।
अब भारत बनाएगा C-295 विमान
भारत ने अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए साथी देशों के साथ साझेदारी भी कर रहा है। हाल ही में भारत ने स्पेन के सहयोग से भारतीय वायु सेना के लिए C-295 विमान निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। Tata Advanced Systems Limited और Airbus Defence and Space S.A. मिलकर इस विमान का निर्माण करेंगे। रक्षामंत्री ने कहा कि मैं इस बात को रेखांकित करना चाहता हूं कि मेक-इन-इंडिया में मेक-फॉर-द-वर्ल्ड शामिल है। साझेदारी” और “संयुक्त प्रयास” दो कीवर्ड हैं जो अन्य देशों के साथ भारत की रक्षा उद्योग साझेदारी को अलग करते हैं। भारत विश्व व्यवस्था की एक पदानुक्रमित अवधारणा में विश्वास नहीं करता है, जहां कुछ देशों को दूसरों से श्रेष्ठ माना जाता है।
भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध मानवीय समानता और गरिमा के सार द्वारा निर्देशित हैं। जब हम किसी राष्ट्र के साथ साझेदारी करते हैं, तो यह संप्रभु समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होता है। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप अपने रक्षा और एयरोस्पेस नेतृत्व को बेंगलुरु शहर और कर्नाटक के जीवंत राज्य का दौरा करने के लिए प्रोत्साहित करें, जहां आगामी एयरो इंडिया शो 13 से 17 फरवरी तक आयोजित होने जा रहा है।
G20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए बड़ा मौका
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत में आगामी G20 शिखर सम्मेलन एक प्रमुख भू-राजनीतिक संकट, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चिंताओं, सतत विकास लक्ष्यों पर तुलनात्मक रूप से धीमी प्रगति, बढ़ते सार्वजनिक ऋण बोझ और तत्काल जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों के व्यापक संदर्भ में हो रहा है। भारत वर्तमान में इसकी अध्यक्षता कर रहा है। G20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85%, वैश्विक व्यापार के 75% से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारा प्रयास G20 के भीतर आम सहमति बनाना है। साथ ही अधिक सुरक्षित, समृद्ध, टिकाऊ और न्यायपूर्ण दुनिया के एजेंडे को आकार देना है। हम भारत के लिए G20 प्रेसीडेंसी की परिकल्पना दुनिया को दिखाने के अवसर के रूप में करते हैं। भारत के 3 डी यानि विकास, लोकतंत्र और विविधता पर फोकस कर रहा है।