शिमला: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के एक वीडियो ‘क्लिप’ को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के विधायक रवि ठाकुर ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। ठाकुर ने कहा कि उन्हें लगता है कि दलाई लामा को बदनाम करने के पीछे चीन का हाथ रहा होगा। वीडियो में कथित तौर पर यह देखा जा सकता है कि दलाई लामा एक बच्चे को उनकी जीभ चूसने के लिए कह रहे हैं। लाहौल-स्पिति जिले से विधायक ठाकुर ने इस मामले में बौद्ध समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई है।
‘तिब्बत पर कंट्रोल करने के लिए फैलाया प्रॉपेगैंडा’
बता दें कि बौद्ध समुदाय ने इस वीडियो को दलाई लामा के खिलाफ एक ‘प्रॉपेगैंडा’ बताया है। कांग्रेस विधायक ठाकुर ने कहा कि दलाई लामा बौद्ध समुदाय के एक सम्मानित नेता हैं और उनकी गैरमौजूदगी चीन को तिब्बत पर पूरी तरह कंट्रोल बना पाने में मदद करेगी। उन्होंने न्यूज चैनल्स पर आरोप लगाया कि उन्होंने टीआरपी के लिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का इस्तेमाल किया। दलाई लामा ने 10 अप्रैल को कहा था कि अगर उनके शब्दों से भावनाएं आहत हुई हैं, तो वह बच्चे, उसके परिवार और दोस्तों से माफी मांगते हैं।
वीडियो सामने आते ही विवाद पैदा हो गया
इससे पहले, एक वीडियो में कथित तौर पर यह देखा जा सकता था कि दलाई लामा एक बच्चे से अपनी जीभ चूसने के लिए कह रहे हैं। यह वीडियो सामने आते ही विवाद पैदा हो गया। 2 मिनट 5 सेकेंड के वीडियो में दलाई लामा ने बच्चे को ऐसे अच्छे इंसानों को देखने के लिए कहा, जो शांति और खुशी देते हैं और उन लोगों को फॉलो करने से मना किया, जो दूसरों की हत्या करते हैं। दलाई लामा के दफ्तर ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘एक वीडियो क्लिप प्रसारित हो रहा है, जिसमें एक बच्चा परम पावन दलाई लामा से पूछता है कि क्या वह उनसे गले मिल सकता है।’
दलाई लामा ने बयान जारी कर मांगी माफी
बयान के मुताबिक, अगर दलाई लामा के शब्दों से भावनाएं आहत हुई हैं तो वह बच्चे, उसके परिवार और दुनियाभर में मित्रों से माफी मांगना चाहेंगे। इस बीच विभिन्न सामाजिक धार्मिक संगठनों ने शनिवार को संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि दलाई लामा ने अपना पूरा जीवन मानवता और दुनिया के लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। बयान में कहा गया है कि तिब्बती परंपरा में ‘इट माय टंग’ एक कहावत है जिसका उपयोग सामान्य रूप से दादा-दादी या नाना-नानी उस बच्चे के साथ करते हैं जो उनसे टॉफी मांगता है, लेकिन उनके पास उसे देने के लिए कुछ नहीं होता है।
‘यह साफ तौर पर चीन के प्रॉपेगैंडा का हिस्सा’
बयान में कहा गया है कि दलाई लामा को बदनाम करना साफ तौर पर चीन के प्रोपेगैंडा का हिस्सा है। बयान में कहा गया है, ‘दलाई लामा शांति के वैश्विक आदर्श हैं, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं। वह करुणा का अवतार, आशा, प्रेम और दयाभाव की प्रतिमूर्ति हैं और निस्वार्थ भाव से बिना थके धार्मिक सौहार्द और शांति को बढ़ावा दे रहे हैं।’ बयान में कहा गया कि दलाई लामा और बच्चे के बीच के मजाकिया बातचीत और हल्के-फुल्के क्षण को बर्बाद कर दिया गया। (भाषा)