India-China News: भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड को मजबूत कर रहा है। गौरतलब है कि PLA की वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास ही भारत से लगी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएलए ने दो संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड को अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया है और एक अन्य PLA ब्रिगेड को चीन-भूटान सीमा के पास सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक रिजर्व के रूप में तैनात किया है। इन तीनों ब्रिगेड को पीएलए के पूर्वी और दक्षिणी थिएटर कमांड से वेस्टर्न थिएटर कमांड में शामिल किया गया था।
PLA के एक डिवीजन में 4,500 सैनिक
PLA के सभी ब्रिगेड में लगभग एक डिवीजन के सहायक तत्वों के साथ 4,500 सैनिक हैं। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन आर्मी के अधिकारियों के अनुसार सर्दियों के शुरू होते ही अब पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड और रिजर्व के रूप में लाए गए तीन संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। इंडियन आर्मी की स्थिति इस बात पर भी निर्भर करेगी कि ये ब्रिगेड अपने ठिकानों पर वापस जाएगी या पश्चिमी थिएटर कमांड में गहराई वाले क्षेत्रों में तैनात रहेगी।
इंडियन आर्मी के लिए चिंता की बात
इंडियन आर्मी के लिए यह चिंता की बात हो सकती है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार कह चुके हैं कि एलएसी पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने की एकमात्र कुंजी है। इंडियन आर्मी चीफ मनोज पांडे ने भी बताया था कि चीन एलएसी पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। लद्दाख में कब्जे वाले अक्साई चिन में पीएलए सैनिकों की संख्या में कमी नहीं आई है। दोनों पक्षों की ओर से वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच अब 17वीं दौर की बैठक होगी जिसकी तारीख अभी तय की जानी बाकी है।
अक्साई चिन में PLA पूरी तरह तैनात
अक्साई चिन जोकि चीन के कब्जे में है, वहां पीएलए पूरी तरह से तैनात है। यहां उनके रॉकेट, आर्मर, आर्टिलरी और मिसाइल सपोर्ट रेजीमेंट के साथ सेना के दो डिवीजन और बॉर्डर गार्ड डिवीजन मौजूद हैं। इंडियन आर्मी भी पूर्वी लद्दाख में कवच और सहायक तत्वों के साथ बड़ी संख्या में तैनात है। एक अधिकारी के मुताबिक, होतान, काशगर, ल्हासा और न्यिंगची हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों के अलावा गार गुंसा हवाई अड्डे पर पीएलए वायु सेना भी स्टैंडबाय पर है।
इंडियन आर्मी को सर्दियों में रहना पड़ेगा चौकन्ना
चीन में अब 20वीं पार्टी कांग्रेस भी खत्म हो चुकी है और शी जिनपिंग ने बतौर राष्ट्रपति तीसरा कार्यकाल भी हासिल कर लिया है। नेशनल सिक्योरिटी प्लैनर्स को उम्मीद है कि पीएलए ब्रिगेड अपने मूल ठिकानों पर वापस चले जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो इंडियन आर्मी को सर्दियों में चौकन्ना रहना पड़ेगा। भारतीय राजनयिक और सैन्य अधिकारियों ने पिछली भारत-चीन बैठकों में पीछे हटने और फिर तनाव कम करने का सवाल उठाया है।