Highlights
- मुख्यमंत्री राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है
- मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल
- बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के जांजगीर- चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में 2 दिन पहले गिरे राहुल को बचाने का प्रयास जारी है। राहुल को बोरवेल से सुरक्षित निकालने के लिए शासन-प्रशासन पिछले 42 घंटे से प्रयास कर रहा है। 10 साल का यह बच्चा करीब 44 घंटे से 50 फीट गहरे गड्ढे में फंसा हुआ है। वहीं दीवारों से रिस रहा पानी बोरवेल के अंदर भर गया है। तमाम मुश्किलों के बावजूद बोरवेल में फंसे 10 साल के राहुल ने हार नहीं मानी है। बोरवेल से पानी निकालने में वह खुद भी मदद कर रहा है। राहुल अब खुद बाल्टी से पानी भरने में मदद कर रहा है।
राहुल की इस कोशिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों की उम्मीदें बना रखी हैं। उसे बचाने के लिए गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर मौके पर पहुंच गए हैं। महेश ने अपने लैपटॉप से रोबोट को कंट्रोल कर नीचे उतारा, लेकिन उसे फिर बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि रोबोट से मिली जानकारी के हिसाब से बच्चे को बाहर निकालने के लिए तैयारी की जाएगी। बच्चे को जल्द बाहर निकाल लेने की उम्मीद है।
सीएम बघेल ने परिवार को दिलाया सकुशल वापसी का भरोसा
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर जितेंद्र और राहुल के परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की। मुख्यमंत्री ने राहुल की दादी श्यामा बाई को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उनके बच्चे को सकुशल निकाल लिया जाएगा। CM ने कहा कि 'तोर नाती ला निकाल लेबो'। उन्होंने राहुल के माता-पिता से बात करते हुए उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। वहीं सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है।
राहुल को बचाने के लिए ली जा रही है इनकी मदद
राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के मेजर गौतम सूरी के साथ ही 4 सदस्यीय टीम भी जुटी हुई है। इसके अलावा तमाम प्रशासनिक अधिकारी और 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32, SDRF से 15 और होमगार्ड के जवान मौजूद हैं। वहीं एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर और 2 जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है। दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है।
मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल
इस हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का हर सदस्य राहुल की सकुशल वापसी की उम्मीद में है। उन्हें भरोसा है कि राहुल को बाहर निकाल लिया जाएगा। गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है। बताया जा रहा है कि राहुल मूक-बधिर भी है, जिस वजह से वह स्कुल भी नहीं जाता था। घटना वाले दिन भी वह खेल रहा था, जिस दौरान वह बोरबेल के लिए खुदे गड्ढे में गिर गया। जब काफी देर के बाद भी राहुल का कुछ पता नहीं चला, तब उसकी तलाश की गई। घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है।