Highlights
- 100 घंटे से ज्यादा चला रेस्क्यू ऑपरेशन
- राहुल को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर भेजा गया
- 10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बोरवेल ( Borewell) में गिरे 10 साल के राहुल को 100 घंटे से ज्यादा चले रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) के बाद सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। करीब 65 फीट गहरे गड्ढे में उतरी रेस्क्यू दल ने कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को सुरक्षित बाहर निकाला। सुरंग बनाने के रास्ते में बार-बार मजबूत चट्टान आ जाने से 4 दिन तक चले इस अभियान को रेस्क्यू दल ने अंजाम देकर मासूम राहुल को एक नई जिंदगी दी है। राहुल को बाहर निकाले जाने के बाद वहां मौजूद मेडिकल टीम ने उसके स्वास्थ्य की जांच की। फिर राहुल को बेहतर इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अपोलो अस्पताल बिलासपुर भेजा गया।
सीएम बघेल ने किया ट्वीट
राहुल के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाले जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "सभी की प्रार्थनाओं और बचाव दल के अथक, समर्पित प्रयासों से, राहुल साहू को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हमारी कामना है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।"
सेना के 25 अधिकारी थे तैनात
वहीं इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे आर्मी ऑफिसर गौतम सूरी ने कहा कि यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। टीम के सदस्यों के संयुक्त प्रयासों से राहुल को सफलतापूर्वक बचाया। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी सफलता है। सेना के करीब 25 अधिकारियों को यहां तैनात किया गया था।
10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
दरअसल, अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिरकर फंस गया था। 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। समय रहते ही ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुचाई गई। कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फसे राहुल पर नजर रखने के साथ उनका मनोबल बढाया जा रहा था।
राहुल तक पहुंचने के लिए बनानी पड़ी सुरंग
एनडीआरएफ और सेना के साथ जिला प्रशासन की टीम ने ड्रीलिंग करके बोरवेल तक पहुचने सुरंग बनाया। सुरंग बनाने के दौरान कई बार मजबूत चट्टान आने से इस अभियान में बाधा आई। बहरहाल 104 से अधिक घण्टे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में राहुल साहू के जीवित बाहर निकाल लिए जाने से सभी ने राहत की सांस ली।