Highlights
- जलती चिता पर पानी डाल कर बुझाया
- पुलिस ने सरपंच समेत 8 लोगों को किया गिरफ्तार
- SC और ST समाज के बीच हुआ था विवाद
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शव के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। एक पक्ष बारिश की वजह से शेड में शवदाह करना चाहता था तो दूसरा पक्ष उसे इसलिए रोक रहा था क्योंकि वह जगह उसके समुदाय के लोगों के शवदाह के लिए थी। पुलिस ने मामले में मृत व्यक्ति के परिजनों की शिकायत पर गांव के सरपंच समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या था विवाद
दरअसल, यह पूरा विवाद एक युवक के अंतिम संस्कार को लेकर था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के बस्ती बाराद्वार गांव में युवक प्रदीप पाटले की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार स्थल को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। घटना के बाद पुलिस ने युवक के परिजनों की शिकायत पर आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें जगदीश उरांव, अमृत उरांव, राजकुमार उरांव, विश्राम उरांव, सहदेव उरांव, सिपाही लाल उरांव, उमाशंकर उरांव और कमलेश उरांव का नाम शामिल हैं।
शेड में अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे परिजन
पुलिस के मुताबिक, प्रदीप नाम के युवक ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके अनुसार पोस्टमार्टम के बाद जब उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिए गांव के मुक्तिधाम में पहुंचे तब वहां बारिश हो रही थी, इसी बीच वे शेड के नीचे अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। उन्होंने बताया कि प्रदीप के परिजनों के अनुसार जब वे प्रदीप के शव का अंतिम संस्कार कर रहे थे तब गांव के सरपंच और अन्य लोग वहां पहुंच गए और उन्होंने चिता पर पानी डालकर उसे बुझा दिया और शव को वहां से बाहर कर दिया। प्रदीप के परिजनों ने पुलिस को बताया कि ग्रामीणों ने आपत्ति जताई थी कि मुक्तिधाम उनके समाज का है इसलिए वे अन्य को वहां अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देंगे।
SC और ST समाज के बीच हुआ था विवाद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद प्रदीप के परिजन थाने पहुंचे और अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। वहीं कुछ ग्रामीणों ने सड़क भी जाम करने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने सरपंच समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और शव का अंतिम संस्कार कराया गया। उन्होंने बताया कि मृत प्रदीप अनुसूचित जाति समाज से था और विरोध करने वाले ग्रामीण अनुसूचित जनजाति समाज से हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के दौरान वहां मौजूद किसी ग्रामीण ने घटना का वीडियो बना लिया था, जिसमें कुछ लोगों को चिता को बुझाने का प्रयास करते देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।