Highlights
- अब रेप के आरोपी को 7.5 लाख का मुआवजा देगी छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार
- सुप्रीम कोर्ट ने दिया है निर्देश
- तय सजा से ज्यादा दिन जेल में रहा था आरोपी
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब एक रेप के दोषी को 7.5 लाख रुपए का मुआवजा देगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल सरकार को यहा निर्देश दिया है कि वह सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी आरोपी को जेल में रखे जाने को लेकर उसे मुआवजा देगी। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार ने इस केस में सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता युवा है, उसे लंबे समय तक और गैरकानूनी तरीके से उसके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया। इसकी वजह से उसने हिरासत में ज्यादा समय रहने की मानसिक पीड़ा को सहा है।
हाईकोर्ट ने दोषी करार दिया था
सुप्रीम कोर्ट उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए, निचली अदालत के फैसलो को बरकरार रखा था। हालांकि, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 12 साल की सजा को घटा कर 7 सल कर दिया था। लेकिन दोषी ने जेल में कुल 10 साल 3 महीने और 16 दिनों का वक्त बिताया। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह व्यक्ति को 3 साल 3 महीने और 16 दिन जेल में ज्यादा रखने के लिए उसे मुआवजा दे।
रेप के आरोप में कितनी होती है सजा
भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत अगर किसी पर केस दर्ज होता है तो यानि उस पर रेप का आरोप है। ऐसे में आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को कम से कम पांच साल और अधिकतम 10 साल की कड़ी सजा मिलती है। हालांकि कई बार मामले ऐसे भी होते हैं कि अदालत विशेष कारणों से सजा की अवधि को कम भी कर देती है।
लेकिन जब 2012 में निर्भया कांड हुआ तो उसके बाद कानून में संशोधन हुए और आईपीसी की धारा 376 ई के तहत रेप के दोषियों को उम्रकैद या फिर मौत की सजा का प्रावधान भी किया गया। इसके तहत आरोपी को सजा तब सुनाई जाती है, जब अपराध जघन्य हो। जैसे की अगर आरोपी एक पीड़ित के साथ बार-बार रेप करता है तो फिर उसे फांसी या फिर उम्रकैद की सजा धारा 376 ई के तहत हो सकती है।
कई धाराओं में बंटा है रेप का अपराध
रेप के क्राइम को अलग-अलग हालात और श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग धाराओं में बांटा गया है। इन्हें 375, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ के रूप में विभाजित किया गया है. जब कोई व्यक्ति किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध, उसकी सहमति के बिना, उसे डरा धमका कर या फिर दिमागी रूप से कमजोर या पागल महिला को धोखा देकर या उसके होश में नहीं होने पर उसके साथ संभोग करता है तो वो बलात्कार की श्रेणी में आता है।