Highlights
- मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ में सुनाया फैसला
- विज्ञापनों के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
- तमिलनाडु के चेन्नई में हो रहा है 44वें शतरंज ओलंपियाड
Chess Olympiad: तमिलनाडु के चेन्नई में चल रहे शतरंज के ओलम्पियाड को लेकर बड़ा फैसला आया है। एक मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है कि 44वें शतरंज ओलंपियाड 2022 से संबंधित सभी विज्ञापनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों की तस्वीरें दिखाई दें। अओको बता दें कि शतरंज ओलंपियाड 2022 का आयोजन तमिलनाडु में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक किया जा रहा है।
विज्ञापनों के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर हो कार्रवाई
इसी के साथ हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाले विज्ञापनों के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। कोर्ट का यह आदेश शिवगंगई निवासी राजेश कुमार द्वारा मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ में याचिका दायर करने के बाद आया है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री की तस्वीर दिखाई जानी चाहिए थी, भले ही वह भाग लेने की स्थिति में न हों।
प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम के बीच 44वें चेस ओलंपियाड का उद्घाटन किया। इस मौके पर पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने चेस ओलंपियाड की मशाल को पीएम मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हाथों में थमाया। इसके बाद मशाल को यंग ग्रैंडमास्टर आर प्रग्नानंद के साथ मौजूद अन्य शतरंज खिलाड़ियों के हाथों में दे दिया गया।
चेस ओलंपियाड का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “खेलों में कोई हारता नहीं है क्योंकि इसमें एक विजेता होता है और दूसरा भविष्य का विजेता होता हैं।” उन्होंने आगे कहा, “खेल खूबसूरत है क्योंकि इसमें लोगों को, समाज को जोड़ने की ताकत है। यह टीमवर्क को बढावा देता है। दो साल पहले कोरोना महामारी के आने से दुनिया थम गई लेकिन ऐसे समय में खेल ने दुनिया को जोड़ने का काम किया। खेल ने महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हम एकसाथ ज्यादा मजबूत हैं। मुझे यही भावना यहां भी दिख रही है।’’