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Cheetah: पीएम मोदी कल जिन 3 चीतों को छोड़ेंगे, उनमें से 2 सगे भाई, कुल 8 चीते नामीबिया से आ रहे हैं भारत

नामीबिया से शनिवार को चीतों की खेप विशेष कार्गो से सीधे ग्वालियर आएगी। पहले ये चीते राजस्थान के जयपुर के रास्ते श्योपुर पहुंचने वाले थे, लेकिन अब इन्हें सीधे मध्य प्रदेश के ग्वालियर लाया जाएगा। ग्वालियर आने के बाद इन सभी को सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो लाया जाएगा।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: September 16, 2022 13:29 IST
 PM Modi will release tomorrow in mp kuno national park- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV PM Modi will release tomorrow in mp kuno national park

Highlights

  • विमान से 16 घंटे की उड़ान भरकर नामीबिया से ग्वालियर पहुंचेंगे चीते
  • 1952 में किया गया था अंतिम चीते का शिकार
  • शिकार के लिए बाड़े में चीतल छोड़े गए

Cheetah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भारत में नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे हैं। इन्हें लाने के लिए भारत से एक विशेष विमान नामीबिया पहुंच चुका है।  इन चीतों को लाने के लिए खास जंबो जेट बी 747 नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंच चुका है। इस विमान को चीते की शक्ल की तरह ही डिजाइन किया गया है। विमान को बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी चीतों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। ताकि उनमें पिंजरों को आसानी से रखा जा सके। 

3 चीतों में 2 चीते सगे भाई 

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी जिन 3 चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर के कूनो पालपुर अभयारण्य के बाड़े में छोड़ेंगे, उनमें से 2 चीते सगे भाई हैं। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, नामीबिया से शनिवार को चीतों की खेप विशेष कार्गो से सीधे ग्वालियर आएगी। पहले ये चीते राजस्थान के जयपुर के रास्ते श्योपुर पहुंचने वाले थे, लेकिन अब इन्हें सीधे मध्य प्रदेश के ग्वालियर लाया जाएगा। ग्वालियर आने के बाद इन सभी को सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो लाया जाएगा। 

बताया जा रहा है कि सभी चीते 4 से 6 साल के बीच के बताए जा रहे हैं। मोदी जिन तीन चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे, इनमें दो नर और एक मादा हैं। ये दोनों नर चीते सगे भाई हैं। भारत लाने के लिए जिन चीतों का चयन हुआ है, उनकी फिटनेस और शिकार की क्षमता के आधार पर इनका चयन किया गया है। कूनो नेशनल पार्क में कुल बीस चीते, जिसमें 12 दक्षिण अफ्रीका और आठ नामीबिया से लाकर बसाए जाने की खबरें हैं।

1952 में किया गया था अंतिम चीते का शिकार 

माना जाता है कि मध्य भारत के कोरिया (वर्तमान में छत्तीसगढ़ में स्थित) के पूर्व महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव द्वारा 1948 में भारत में अंतिम चीते का शिकार किया गया था। अंग्रेज सरकार के अधिकारियों एवं भारत के राजाओं द्वारा किये गये अत्यधिक शिकार से 19वीं शताब्दी में इनकी संख्या में अत्यधिक गिरावट आई। अंततः 1952 में भारत सरकार ने अधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया।

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