Highlights
- रात में टॉर्च लगाकर गोबर की चौकीदारी करते हैं बीजापुर के पति-पत्नी
- गोबर को वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत बेचते हैं
- गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर अब तक कमाए 28 हजार रुपये
Chattisgarh News: अब तक बहुमूल्य, कीमती सामान और स्थान की चौकीदारी की बात सुनी होगी, लेकिन हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में तो पशुपालक गोबर की भी चौकीदारी करने लगे हैं। यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन हकीकत यही है। छत्तीसगढ़ वह राज्य है जहां 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाती है। अब गोबर भी यहां आमदनी का जरिया बन चुका है। जिन पशुपालकों को पास मवेशी ज्यादा हैं, उनकी गोबर से आमदनी भी ज्यादा होने लगी है, मगर पहली बार यह बात सामने आई है कि गोबर की भी यहां के लोग चौकीदारी करते हैं, ताकि कोई गोबर की चोरी न कर ले।
CM बघेल से शेयर की सारी बातें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत गुरुवार को बीजापुर जिले के कुटरु पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से सीधे संवाद किया तो मंटूराम कश्यप ने बताया कि, वह अपने गोबर की चौकीदारी करता है। इसमें उसकी मदद पत्नी करती हैं। मंटूराम ने बताया कि, मैं रात में टॉर्च लगा कर गोबर की चौकीदारी करता हूं और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं। इस गोबर को वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत बेचते हैं। यह जानकर सीएम बघेल मुस्कुरा दिए।
क्यों पड़ी गोबर की चौकीदारी की जरुरत?
मंटूराम ने आगे बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रुपये में बेचा है। पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है। कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किए गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे। इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे। मंटूराम की मानें तो वह और उसकी पत्नी शिफ्ट में चौकीदारी करते हैं। वह दोनों मिलकर गोबर की चौकीदारी रात भर करते हैं। दोनों मिलकर दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं। रात में कुछ देर मंटू और फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं।
गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर कमाए 28 हजार रुपये
मंटूराम बताते हैं कि रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि कोई गोबर ले तो नहीं गया। वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है, तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है। एक दिन इकठ्टा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए। इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा।
मंटूराम कश्यप ने बताया कि उनके पास 15 गाय-भैंसे हैं। अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं। इस राशि से उसने अपने मकान का सुधार कार्य कराया है। मकान में प्लास्टर हो गया है, अब छत से पानी टपकने की समस्या नहीं रहेगी।