रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां जिला प्रशासन ने सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका के घर के बाथरूम में बंद 5 साल की बच्ची को मुक्त कराया है। अधिकारियों ने बताया कि यह बच्ची पिछले दो साल से शिक्षिका के साथ रह रही थी और उसका कहना है कि ‘‘मुझे अकसर मारा-पीटा जाता है।’’ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिले के खरसिया कस्बे में स्थित एक मकान से जिला प्रशासन, पुलिस और चाइल्ड लाइन के अधिकारियों के संयुक्त दल ने शुक्रवार को पांच साल की बच्ची को बरामद किया। उन्होंने बताया कि बच्ची को घर के बाथरूम में बंद करके रखा गया था।
ऐसे किया बच्ची का रेस्क्यू
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डडसेना ने बताया कि जिला बाल विकास विभाग को शिक्षिका आशा अग्रवाल के मकान में एक बच्ची के बंद होने की शिकायत मिली थी। अग्रवाल के घर पहुंचे विभाग के दल ने पाया कि बच्ची घर के बाथरूम में बंद है। दल ने बालिका को अपने संरक्षण में ले लिया है। डडसेना ने बताया, ''प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्ची सूरजपुर जिले के विश्रामपुर कस्बे की है। आशा अग्रवाल का पति ट्रांसपोर्टर है और कथित रूप से वही बच्ची को विश्रामपुर से लेकर आया था।’’
अधिकारी ने बताया कि बच्ची के माता-पिता के संबंध में जानकारी जुटायी जा रही है। बच्ची पिछले दो साल से अग्रवाल परिवार के साथ रह रही थी। बच्ची का कहना है कि ‘‘मेरी अक्सर पिटाई की जाती थी।’’ अधिकारी ने बताया कि बच्ची डरी हुई है उसे शांत कराने की कोशिश की जा रही है। उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सामने पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं तथा अवैध रूप से बच्चे को रखने वाले दंपति के खिलाफ सख्त सजा की सिफारिश करेंगे।''
9 साल पहले भी दिया था ऐसी घटना को अंजाम
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब आशा अग्रवाल ने ऐसी हरकत की हो। 9 साल पहले भी उसके घर से एक 6 साल की बच्ची को छुड़ाया गया था। ये महिला अक्सर मासूम बच्चों को उठाकर काम कराने की नीयत से अपने घर ले जाती है और अपने घर पर रखकर काफी प्रताड़ित करती है। इस महिला का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।