Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. यहां एक ही घाट पर नाले का पानी पीतें हैं जानवर और इंसान, भीषण गर्मी में सूख चुके हैं गांव के तीन कुएं

यहां एक ही घाट पर नाले का पानी पीतें हैं जानवर और इंसान, भीषण गर्मी में सूख चुके हैं गांव के तीन कुएं

सरकार भले ही हर घर नल-जल पहुंचाने की बात करती है, लेकिन हकीकत कुछ और है। महिलाएं बताती हैं कि गांव का नाला सरकार के झूठे वादों वाली योजनाओं से बेहतर है, जो नेताओं की तरह झूठ पर नहीं, बल्कि हमारी प्यास बुझाकर हमें टिकाए हुए हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: June 20, 2024 7:22 IST
एक ही घाट के पानी से...- India TV Hindi
Image Source : IANS एक ही घाट के पानी से प्यास बुझाते हैं जानवर और इंसान

भीषण गर्मी और पानी की तलाश न जाने क्या से क्या करवा दें। प्यास के आगे कुआं, तालाब, नदी कुछ भी नजर नहीं आता। अगर कुछ नजर आता है, तो वह है पानी की बूंद, जिसकी जरूरत इंसान को भी होती है और जानवर को भी। झारखंड के चतरा जिले के टंडवा प्रखंड के अंतर्गत सराढु पंचायत के कनकट्टा गांव में इंसान और जानवर दोनों एक ही घाट से पानी पीने को मजबूर हैं।

जानवरों के पीने के चलते दूषित हो चुका है पानी

कनकट्टा गांव की आबादी करीब तीन सौ है, लेकिन आजादी के करीब 77 वर्ष गुजरने के बाद भी इस गांव में विकास की किरण नहीं पहुंची है। इस गांव के लोगों के लिए न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और न ही बिजली जैसी अन्य बुनियादी चीजें हैं। इस गांव में तीन कुंए भी हैं, जो इस भीषण गर्मी में सूख गये हैं। ऐसे में ग्रामीणों के समक्ष पीने की पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कुएं के सूखने के बाद ग्रामीणों ने गांव के पास के नाले में गड्ढा कर पीने की पानी का वैकल्पिक व्यवस्था की है। इस गड्ढे से गांव‌ के लोगों के अलावा पशु और पक्षी भी पानी पीते हैं। जानवरों के पानी पीने के चलते यहां का पानी दूषित हो चुका है, ऐसे में ग्रामीण उसी गड्ढे के छोर पर चुआं खोदकर पीने के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं।

'भीषण गर्मी में जान बचाता है नाले का पानी'

गांव की महिलाएं बताती हैं कि गांव में पानी सबसे मूल समस्या है। सरकार भले ही हर घर नल-जल पहुंचाने की बात करती है, लेकिन हकीकत कुछ और है। गांव का नाला सरकार के झूठे वादों वाली योजनाओं से बेहतर है, जो नेताओं की तरह झूठ पर नहीं, बल्कि हमारी प्यास बुझाकर हमें टिकाए हुए हैं। महिलाएं बताती हैं कि नाले का पानी दूषित तो है, लेकिन भीषण गर्मी में यही हमारी जान बचाता है। दूषित पानी को पीने से बच्चे और बुजुर्ग कई तरह के बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इसके बाद भी मजबूरी में दूषित पानी पीना पड़ रहा है, क्योंकि यहां से दूसरे गांव की दूरी करीब दो किलोमीटर है।

'वोट लेने के बाद नजर फेर लेते हैं नेता'

गांव के लोग बताते हैं कि कनकट्टा गांव एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना मगध से विस्थापित और प्रभावित है। परियोजना क्षेत्र से गांव की दूरी महज एक किलोमीटर है। ऐसे में सीसीएल के सीएसआर मद से विस्थापित और प्रभावित गांवों में पेयजल स्वास्थ्य सड़क और शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन इस गांव का दुर्भाग्य है कि सीसीएल प्रबंधन ने भी इस गांव के लोगों की ओर अपनी रहमत वाली नजर अब तक नहीं घुमाई है। मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे लोग बताते हैं कि सीसीएल का सीएसआर मद भले ही दूसरे गांव के लिए कल्याणकारी साबित होता है,, लेकिन हमारे लिए यह बेकार है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में वोट मांगने वाले नेता भी वोट लेने के बाद हमारी ओर से अपनी नजर फेर लेते हैं।

इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों की इस पेयजल की समस्या को लेकर प्रखंड के बीडीओ और सीसीएल प्रबंधन को अवगत करवाया गया है। अब देखना होगा कि कितने जल्द बीडीओ और सीसीएल के पदाधिकारी एक्शन में आते हैं और ग्रामीणों के पेयजल की समस्या से निजात दिलाकर उन्हें खुशहाल जीवन देते हैं। (IANS इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

VIDEO: 'एक मिनट में ठंडा कर दूंगा', पानी किल्लत की शिकायत लेकर पहुंचे तो AAP विधायक ने दी धमकी

जमकर जला रहा जून... गर्मी के सितम के बीच कहां अटक गया मानसून? इस महीने 20% कम हुई बारिश

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement