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IAS कैडर नियमों में बदलाव मामला: केंद्र और राज्यों में रार, कई States के CM ने मोदी सरकार को लिखा पत्र

संशोधित मसौदा संशोधन प्रस्ताव का मूल बिंदु यह है कि एक अधिकारी, जिसे केंद्र सरकार उनकी सहमति के बिना और राज्य सरकार के समझौते के बिना देश के किसी भी हिस्से में राज्य से बाहर ले जाने का विकल्प चुन सकती है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 23, 2022 19:46 IST
केंद्र का आईएएस कैडर...- India TV Hindi
Image Source : PTI/ FILE PHOTO केंद्र का आईएएस कैडर नियमों में बदलाव का प्रस्ताव

Highlights

  • कई गैर-भाजपा शासित राज्य एक साथ आया सामने
  • ममता बनर्जी ने कही ये बात
  • तमिलनाडु, केरल के सीएम ने भी पीएम मोदी को लिखा पत्र

नयी दिल्ली: आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव के खिलाफ कई राज्यों की गैर-भाजपा सरकारें एकजुट हो गई हैं। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, तमिलनाडु समेत कई गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बाबत प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्रियों ने इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया। साथ ही यह दावा किया कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को दो पत्र लिखे हैं। अपने दूसरे पत्र में वे कहती हैं, "मुझे लगता है कि संशोधित संशोधन प्रस्ताव पूर्व की तुलना में अधिक कठोर है, और वास्तव में यह हमारी महान संघीय राजनीति की नींव और भारत की संवैधानिक योजना की बुनियादी संरचना के खिलाफ है।"

दरअसल, केंद्र द्वारा प्रस्तावित नियमों में ये कहा गया है कि, "संशोधित मसौदा संशोधन प्रस्ताव का मूल बिंदु यह है कि एक अधिकारी, जिसे केंद्र सरकार उनकी सहमति के बिना और राज्य सरकार के समझौते के बिना देश के किसी भी हिस्से में राज्य से बाहर ले जाने का विकल्प चुन सकती है।"

राज्यों का कहना है कि शक्तियों का अति-केंद्रीकरण अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के मनोबल और स्वतंत्रता को नष्ट करने वाली है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा, मैंने भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अखिल भारतीय सेवा कैडर नियम संशोधनों पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए पीएमओ इंडिया को लिखा है। वे 'सहकारी संघवाद' के बजाय 'एकतरफावाद' को बढ़ावा देते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे।"

वहीं, केरल और तमिलनाडु के सीएम ने भी मोदी सरकार को पत्र लिख इस बाबत चिंता जाहिर की है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पत्र लिखकर कहा है, "वर्तमान प्रतिनियुक्ति नियम स्वयं संघ के पक्ष में भारी हैं। और सख्ती लाने से सहकारी संघवाद की जड़ कमजोर हो जाएगी" तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधनों को छोड़ने का अनुरोध किया और कहा कि "इसके बजाय राष्ट्र की संघीय भावना को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के साथ जुड़ें।"

इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस कदम का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। सरकार ने इस कदम का बचाव किया है और कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ काम करने से अधिकारियों के दृष्टिकोण का विस्तार होगा और अखिल भारतीय सेवाओं के मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा।

केंद्र का कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को हमेशा राज्यों में तैनात नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सेवा और अधिकारियों दोनों के लिए सही नहीं है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के साथ काम करने से उन्हें राज्यों में सेवा देने और फिर केंद्र में लौटने के बाद अधिकारियों के व्यक्तिगत विकास के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण मिलता है। महाराष्ट्र ने भी बदलावों का विरोध करने का फैसला किया है।

इनपुट- एजेंसी

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