ISRO ने चंद्रयान 3 के लैंडर की तस्वीर जारी की है। इसरो ने यह नई तस्वीर सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी की है। इसमें बताया गया है कि यह फोटो विक्रम लैंडर की है। इसे चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में डुअल-फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार ने 6 सितंबर 2023 को लिया है। इसरो ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि चांद पर पड़ रही भयंकर ठंड को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर सह लेंगे। 22 सितंबर के बाद जब चांद की सतह पर सूर्य की रोशनी पहुंचेगी तो वे फिर से काम करना शुरू कर देंगे। चंद्रयान 3 की तस्वीर चंद्रयान 2 ऑर्बिटर द्वारा ली गई है। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर सोमवार को स्लीप मोड में चला गया था।
इसरो ने कहा, "डीएफएसएआर अत्याधुनिक उपकरण किसी भी ग्रहीय मिशन में वर्तमान में उपलब्ध उच्चतम रिज़ॉल्यूशन वाली पोलारिमेट्रिक तस्वीर प्रदान करता है।" डीएफएसएआर पिछले चार वर्षों से चांद की सतह से उच्च गुणवत्ता वाले डेटा को प्रसारित कर रहा है। वहीं, एसएआर तकनीक के विभिन्न प्रयोग हैं जिनमें पृथ्वी और अन्य खगोलीय पिंडों की रिमोट सेंसिंग भी शामिल है।
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली विक्रम लैंडर की तस्वीर
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगा हुआ सिंथेटिक एपर्चर रडार किसी ग्रह की सतह और उपसतह की जानकारी निकालता है, जिसमें चंद्रमा के ऊपर रहते तो इसकी सतह की जांच करने के लिए शक्तिशाली सेंसर लगे हैं। यह रडार चंद्रमा की सतह पर रखी हर चीज को स्कैन कर लेता है। इसकी खासियत यह है कि फोटो लेने के लिए इसे सूर्य की रोशनी की कोई जरूरत नहीं होती।
14 जुलाई को लांच हुआ था चंद्रयान-3
ISRO ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच किया था। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर साफ्ट लैंडिंग की थी। इसके बाद भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया।
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