केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षों को लेकर पत्र लिखा है। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (DGP) को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि सभी चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों और सुरक्षित काम का वातावरण मुहैया कराया जाए।
10 सिंतबर तक दी जाए कार्रवाई रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को निर्देश जारी किए हैं। इसमें डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों पर 10 सितंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था आदेश
यह निर्देश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसमें देश भर में मेडिकल लाइन से जुड़े डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।
जोखिम वाले संस्थानों की पहचान की जाए
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को संबोधित पत्र में चंद्रा ने स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राथमिकता दिए जाने वाले कई प्रमुख उपायों को रेखांकित किया है। इसमें उच्च जोखिम वाले संस्थानों की पहचान, सुरक्षा ऑडिट, सीसीटीवी निगरानी, पृष्ठभूमि जांच और कई अन्य प्रोटोकॉल शामिल हैं।
जिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा, उनकी हो पहचान
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि कि वे ऐसे अस्पतालों की पहचान करें जहां मरीजों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के परामर्श से नियमित सुरक्षा ऑडिट आयोजित करने की सिफारिश की। चंद्रा के अनुसार, अस्पतालों के उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जहां सुरक्षा भंग होने की संभावना रहती है, जैसे आपातकालीन कक्ष, ट्राइएज क्षेत्र, आईसीयू) और प्रसव कक्ष शामिल हैं।