Central vista Project: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके निर्माण कार्य के बारे मे गुरुवार को सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी। सरकार ने लोकसभा में बताया कि नए संसद भवन के निर्माण का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। सरकार ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि सेंट्रल विस्टा विकास व पुनर्विकास योजना के तहत 5 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है और इसमें नए संसद भवन के निर्माण का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
लोकसभा में राजेन्द्र अग्रवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में शहरी काम एवं आवास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि आज की तारीख तक सेंट्रल विस्टा विकास/ पुनर्विकास योजना के तहत 5 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। शहरी कार्य एवं आवास राज्य मंत्री द्वारा निचले सदन में रखे गए ब्यौरे के अनुसार, नये संसद भवन के निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है और इसे नवंबर 2022 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
उपराष्ट्रपति एनक्लेव का 24 फीसदी काम पूरा हुआ: सरकार
मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसमें कहा गया है कि साझा केंद्रीय सचिवालय भवन 1,2,3 का 17 प्रतिशत कार्य हुआ है और इसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जवाब के अनुसार उपराष्ट्रपति एनक्लेव का 24 प्रतिशत काम पूरा हुआ है और इसे जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि एक्जिक्यूटिव एनक्लेव का कार्य अभी शुरू नहीं किया गया है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण पर होने वाली अनुमानित लागत 2,285 करोड़ रुपये है।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में सेंट्रल एवेन्यू एरिया में पहले के मुकाबले अब 40 हजार स्क्वॉयर मीटर ग्रीन एरिया बढ़ाया गया है। पहले राजपथ के दोनों तरफ करीब 94 हजार स्क्वॉयर मीटर एरिया में लाल बजरी होती थी अब वहां पर लाल स्टोन की टाइल्स लगाई गई है। अब राजपथ की चौड़ाई 350 मीटर हो गई है, पहले ये कम होती थी। वहीं इसकी लम्बाई की बात करें तो वो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक करीब ढाई किलोमीटर है।
सेंट्रल विस्टा में राजपथ के दोनों तरफ अब 16 किलोमीटर का वॉक-वे बनाया गया है। यह वॉक-वे राजपथ के दोनों तरफ बनी कैनाल के साथ बनाया गया है। पहले जब पर्यटक या दिल्ली के लोग यहां घूमने के लिए आते थे तो राजपथ के आसपास बैठने के लिए एक बेंच भी नहीं होती था लेकिन अब राजपथ के दोनों तरफ पर्यटकों के लिए 422 बैंच बनाए गए हैं।