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कोरोना मृतकों के परिजनों को मिले मुआवजे की जांच के लिए केंद्र ने 4 राज्यों में भेजी टीमें

3-3 सदस्यों वाली ये टीमें संबंधित राज्यों में जाकर सरकारी दस्तावेजों की जांच करेंगी और पीड़ित परिवारों से मिलेंगी।

Reported by: Devendra Parashar @DParashar17
Updated : April 08, 2022 23:15 IST
Central teams, Maharashtra, Gujarat, Andhra Pradesh, Kerala, COVID-19 ex-gratia- India TV Hindi
Image Source : PTI Representational Image.

Highlights

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 राज्यों में कोरोना मृतकों के परिजनों को जारी मुआवजे की जांच करने के लिए टीमों को भेजा है।
  • दावों की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और मंत्रालय के अधिकारियों की 4 अलग-अलग टीमें भेजी गई हैं।
  • 3-3 सदस्यों वाली ये टीमें संबंधित राज्यों में जाकर सरकारी दस्तावेजों की जांच करेंगी और पीड़ित परिवारों से मिलेंगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4राज्यों में कोरोना मृतकों के परिजनों को जारी मुआवजे की जांच करने के लिए टीमों को भेजा है। शुक्रवार को मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में अब तक कोरोना मृतकों को लेकर दर्ज दावों की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और मंत्रालय के अधिकारियों की 4 अलग-अलग टीमें भेजी गई हैं। 3-3 सदस्यों वाली ये टीमें संबंधित राज्यों में जाकर सरकारी दस्तावेजों की जांच करेंगी और पीड़ित परिवारों से मिलेंगी।

आवदेनों की रैंडम जांच करेंगी केंद्र की टीमें

महाराष्ट्र के लिए 3 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एनसीडीसी के प्रधान सलाहकार डॉ. सुनील गुप्ता कर रहे हैं। कालीकट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सलाहकार डॉ. पी रवींद्रन केरल की टीम का नेतृत्व करेंगे, जबकि एनसीडीसी के प्रधान सलाहकार डॉ. एस वेंकटेश गुजरात टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के लिए 3 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एनसीडीसी के निदेशक डॉ. एस के सिंह करेंगे। ये टीमें मुआवजे के लिए दायर किए गए 5 प्रतिशत दावों के आवेदनों की रैंडम जांच भी करेंगी और इसके भुगतान के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का भी पता लगाएगी।

मुआवजे में दी जाती है 50 हजार की राशि
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत देश भर में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। मंत्रालय ने कहा कि मुआवजे की राशि का लाभ उठाने के लिए झूठा दावा करना या झूठा प्रमाणपत्र जमा करना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत दंडनीय है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन चारों राज्यों में इसी के तहत दर्ज कुल आवेदनों में से 5 फीसदी का चयन कर जांच की जाएगी और जांच से मिले नतीजों को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया था सख्त रुख
बता दें कि बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से मौत पर मुआवजे के लिए फर्जी दावों की शिकायत पर सख्त रुख अपनाया था। कोर्ट ने कहा था कि कोविड से मौत पर परिजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि मानवता के आधार पर और उनकी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए दी जाती है। अदालत ने कहा था कि किसी को भी इसके दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती और यह अनैतिक भी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी को स्वीकार करते हुए मौत के फर्जी दावों का पता लगाने के लिए चार राज्यों, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र में कुल दावों के 5 फीसदी मामलों की औचक जांच के आदेश दिए थे।

‘दावा फर्जी पाया गया तो सजा मिलेगी’
बता दें कि कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर कोई मुआवजा दावा फर्जी पाया जाता है तो वह आपदा प्रबंधन कानून की धारा 52 के तहत दंडनीय माना जाएगा। कोर्ट ने कहा था कि फर्जी दावा करने वाले को दंडित किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मुआवजा दावा दाखिल करने की 60 और 90 दिन की समय सीमा भी तय कर दी थी। केंद्र ने कहा था कि कोरोना से हुई मौतों के मुआवजे के लिए राज्यों को 7,38,610 दावे प्राप्त हो चुके हैं और उसने मुआवजा दावा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा भी निर्धारित करने की मांग की थी।

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