Highlights
- 69 वर्ष बाद सीबीआइ सोशल मीडिया पर हुई सक्रिय
- इंटरपोल महासभा को देखते हुए सीबीआइ ने बनाया ट्विटर और इंस्टाग्राम एकाउंट
- एक अप्रैल 1963 में हुई थी सीबीआइ की स्थापना
CBI Active on Social Media:सीबीआइ यानि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी...जिसका नाम सुनते ही बड़े-बड़े अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के पसीने छूट जाते हैं। अब सीबीआइ ने 99 वर्षों के इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा कदम उठाया है कि जिससे जनता भी खुश हो गई है। हर तरफ सीबीआइ के इस कदम की तारीफ हो रही है। आइए अब आपको हम बताते हैं कि सीबीआइ ने ऐसा क्या कर दिया, जिसे वह अब तक नहीं कर सकती थी और अचानक जनता उसकी तारीफ करने लगी।
दरअसल आज का युग सोशल मीडिया का युग है। ऐसे में आमजन इसके माध्यम से सीधे सरकार और जांच एजेंसियों से जुड़े हैं। ऐसे में सीबीआइ भी इससे अछूती नहीं रह सकती थी। अभी तक सोशल मीडिया से दूर रहने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पहली बार ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपना एकाउंट बनाया है। यानि सीबीआइ ने अब सोशल मीडिया पर पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। इससे लोगों में उत्साह है।
आगामी इंटरपोल महासभा से पहले लिया फैसला
देश में इंटरपोल की महासभा होने जा रही है। इस महासभा में 195 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने 18 अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय 90वीं महासभा के लिए यूजर आइडी सीबीआइ_सीआइओ के साथ दोनों मंचों पर अपने अकाउंट बनाये हैं। ताकि किसी को भी सीबीआइ से संपर्क साधने में आसानी हो सके।
अब तक प्रेस विज्ञप्ति से सीबीआइ देती थी सूचना
सोशल मीडिया के दौर में भी सीबीआइ ने अब तक इससे दूरी बनाए रखा था। जबकि प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो चुके हैं। मगर इसके उलट सीबीआइ ने अभी तक सोशल मीडिया से दूरी बनाये रखी और प्रेस विज्ञप्ति जारी करने की सदियों पुरानी प्रथा जारी रखी थी। अधिकारियों ने कहा कि महासभा साइबर अपराध, वित्तीय अपराधों और इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली बाल यौन शोषण सामग्री पर ध्यान केंद्रित करेगी। 1997 में एक महासभा का आयोजन कर चुके भारत को आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर एक वोट के माध्यम से इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मौका दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक को एक प्रस्ताव दिया था, जिन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान मंत्री से मुलाकात की थी। महासभा इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है, जिसमें 195 सदस्य देशों में से प्रत्येक के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जो सालाना मिलते हैं। इसे देखते हुए अब सीबीआइ सोशल मीडिया पर सक्रिय हुई है।
वर्ष 1923 में हुई थी इंटरपोल की स्थापना
इंटरोपोल में प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व एक या कई प्रतिनिधि कर सकते हैं, जो आम तौर पर मंत्री, पुलिस प्रमुख, उनके इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। भारत 1949 में संगठन में शामिल हुआ था। भारत अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के सबसे पुराने सदस्यों में से एक है, जिसे इंटरपोल के नाम से जाने जाना जाता है। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है। इसकी स्थापना 1923 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (आईसीपीसी) के रूप में हुई थी। सीबीआई को इंटरपोल के लिए भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में नामित किया गया है। एजेंसी ने इंटरपोल से सूचना पर आधारित दो हालिया अभियानों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है - ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री के खिलाफ ऑपरेशन मेघ चक्र और नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशन गरुड़। वहीं सीबीआइ की स्थापना एक अप्रैल 1963 में की गई थी।