Highlights
- देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सिलसिले तलाशी
- CBI को मिली करोड़ों की पेंटिंग और लग्जरी घड़ियां
- छापेमारी के में जब्त करीब 12 करोड़ रुपये का सामान
CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने DHFL की संलिप्तता वाले देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सिलसिले में नए सिरे से तलाशी ली है, जिसमें भारत के मशहूर चित्रकारों एफ.एन. सूजा और एस.एच. रजा की पेंटिंग भी मिली है। इनकी पेंटिंगों की कीमत करीब 5.5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के बाद जब्त करीब 12 करोड़ रुपये के लग्जरी सामान में एस.एच. रजा द्वारा 1956 में कैनवास पर ‘‘विलेज’’ शीर्षक से बनाई गई ऑयल पेंटिग और एफ.एन. सूजा द्वारा साल 1964 में लिनन (कपड़े) पर बनाई गई बिना शीर्षक की तस्वीर शामिल है, जिनकी कीमत 3.5 करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये है।
पांच करोड़ रुपये की लग्जरी घड़ियां बरामद
CBI की ओर से जारी बयान में कहा गया कि छापेमारी के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने जैकेब ऐंड कंपनी और फ्रैंक मुलर जिनेवा की दो सुपर लग्जरी घड़ियां भी जब्त की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। सीबीआई दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (DHFL) के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन से गत नौ दिनों से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि उन्होंने इन पेंटिंग को मुंबई के फोर्ट स्थित एक नीलामी घर से खरीदा था। उन्होंने बताया कि सीबीआई को जब इन सामान के ठिकाने की जानकारी मिली तो उसने छापेमारी की कार्रवाई कर इन संपत्तियों को जब्त कर लिया।
छापेमारी में मिले करोड़ो के हीरे-जवाहरात
अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी के दौरान सीबीआई को कंगन और हार सहित सोने और हीरे के गहने मिले हैं, जिनकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि करीब 20 दिन पहले सीबीआई ने चित्रकार तयब मेहता की पेंटिंग ‘ बुल’ और मंजीत बावा की बिना शीर्षक की तस्वीर बरामद की थी जिनकी कीमत क्रमश: 27 करोड़ रुपये और 7.7 करोड़ रुपये है। सीबीआई ने कहा था कि मेहता और बावा द्वारा बनाई गई कलाकृतियां बड़ी संख्या में मिली तस्वीरों, मूर्तियों का हिस्सा है, जिनकी कुल कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है।
34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखधाड़ी का मामला
एजेंसी ने बताया कि इस दौरान नकदी और अपराध में संलिप्तता के संकेत वाले दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। बयान के मुताबिक, ‘‘ जांच के दौरान पाया गया कि प्रवर्तकों ने कथित घोटाले से कमाए धन का दूसरे क्षेत्रों में निवेश किया। यह भी आरोप है कि प्रवर्तकों ने गबन किए गए पैसे का इस्तेमाल महंगी पेंटिंग और कलाकृतियां खरीदने में किया।’’ अधिकारियों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने डीएचएफएल और वधावन बंधुओं पर 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखधाड़ी का मामला दर्ज किया, जो एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे इस तरह के मामलों में सबसे बड़ा था।