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नीट पेपर लीक केस की जांच कहां तक पहुंची? सीबीआई ने जारी किया आधिकारिक बयान

अभी तक की जांच में सीबीआई ने 33 जगहो पर छापेमारी की, 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की थी वो भी सीबीआई की कस्टसी में है। सीबीआई की जांच लगातार डे टू डे बेसिस पर चल रही है।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Mangal Yadav Updated on: July 25, 2024 21:00 IST
सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : FILE सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्लीः नीट पेपर लीक केस में अभी तक की जांच पर सीबीआई की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है। सीबीआई ने बताया कि उसने 23 जून 2024 से नीट पेपर चोरी और लीक मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 358/2024 केस को टेकओवर किया और जांच शुरू की। आईपीसी की धारा 407,408,409,120बी के तहत दर्ज पटना पुलिस की एफआईआर को टेकओवर करके सीबीआई जांच शुरू हुई। 

जांच में सामने आई ये चीजें

जांच में पता लगा कि नीट पेपर झारखंड के हजारीबाग के OASIS स्कूल से 5 मई 2024 यानी पेपर वाले दिन सुबह पंकज उर्फ आदित्या उर्फ़ साहिल ने एक्सेस किया। पंकज मास्टमाइंड है जिसने स्कूल के प्रिंसिपल, एंटीए कॉर्डिनेटर, सेंटर सुपरिटेंडेंट वायस प्रिंसिपल के साथ मिलकर पेपर चोरी किया। पंकज फरार चल रहा था। इसकी लोकेशन ट्रेस करके उसे गिरफ्तार किया गया। स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुलहक, वाइस प्रिंसपल और दूसरे एसोसिट्स को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।

जले हुए पेपर के जरिए सीबीआई हजारीबाग के सेंटर तक पहुंची

पटना में जले हुए पेपर के जरिए सीबीआई हजारीबाग के सेंटर तक पहुंची जहां से पेपर लीक हुआ था। जिन ट्रक में नीट पेपर हजारीबाग के सेंटर में 5 मई की सुबह लाए गए थे उन्हें सेंटर के कंट्रोल रूम में रखा गया। पेपर आने के कुछ मिनटों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसपल अवैध तरीके से कंट्रोल रूम में मास्टरमाइंड पंकज को भी अंदर ले गए। यहां पर आधुनिक टूल्स से ट्रक को खोला गया और नीट के पेपर एक्सेस किए गए। इन टूल्स और ट्रक को सीज किया गया। 

 सिलेक्टेड स्टूडेंट्स को दिए गए थे पेपर

अवैध तरीके से चुराए गए पेपर्स को अलग अलग मेडिकल स्टूडेंट्स से 5 मई को सुबह ही सॉल्वर गैंग ने सॉल्व कराया गया और सिलेक्टेड स्टूडेंट्स जिन्होंने पैसे दिए थे उनको शेयर किया गया। सॉल्वर गैंग और अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के मेडिकल स्टूडेंट्स को पहचाना गया और गिरफ्तार किया गया। इन सॉल्वर्स स्टूडेंट्स को स्पेशली 5 मई को हजारीबाग लाया गया, ये सभी लीक साजिश का हिस्सा हैं।

पंकज ने साजिश को अंजाम दिया

पंकज ने इस क्राइम को प्लान किया और एक साजिश तैयार की कुछ और मास्टरमाइंड की पहचान करके उन्हें भी गिरफ्तार किया। इस ग्रुप को एक दूसरा ग्रुप असिस्ट कर रहा था। इन्होंने केन्डिड्ट्स के लिए जगह प्लान की थी। एक अलग ग्रुप केन्डिडस्ट्स को मोबलाइज करने में शामिल थे। जिन छात्रों ने अवैध तरीके से सॉल्व पेपर लिया उनकी पहचान करके लीगल एक्शन लिया गया। 

पेपर लीक मामले में 36 आरोपी गिरफ्तार

अभी तक की जांच में सीबीआई ने 33 जगहो पर छापेमारी की, 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की थी वो भी सीबीआई की कस्टसी में है। सीबीआई की जांच लगातार डे टू डे बेसिस पर चल रही है।

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