नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में सीबीआई की जांच का शिकंजा कसता ही जा रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी आज पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से आज पूछताछ की। इसके लिए सीबीआई की एक टीम उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर पहुंची थी, जहां CBI की 6 अधिकारियों की टीम सवा दो घंटे की पूछताछ की। बता दें कि सिंगापुर से ईलाज कराने के बाद वह अपनी बेटी के घर पर ही रह रहे हैं। जांच एजेंसी ने कल इसी मामले में उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रावड़ी देवी से भी पूछताछ की थी। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के साथ-साथ उनके परिवार के कई सदस्यों को भी आरोपी बनाया है।
कल रावड़ी देवी से हुई थी पूछताछ
वहीं कल सीबीआई की एक टीम ने रावड़ी देवी के आवास पर जाकर छापेमारी और पूछताछ की थी। सीबीआई की यह पूछताछ और छापेमारी लगभग 8 घंटों तक चली थी। सीबीआई की इस कर्रावी के बाद रावड़ी देवी ने कहा, "कुछ नहीं हुआ है। ये सब चलता रहता है।" बता दें कि सीबीआई ने राबड़ी देवी को बिहार में सीबीआई दफ्तर या रिवेन्यू ऑफिस में पूछताछ के लिए आने को कहा था। जिसके बदले राबड़ी देवी ने तबीयत का हवाला देते हुए घर पर पूछताछ के लिए आने को कहा। इसलिए सीबीआई राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर जाकर पूछताछ करने गई थी।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम केस?
रेलवे में ग्रुप डी की पोस्ट के लिए लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए कई जोन्स (मुम्बई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली, पटना) में उन लोगों को नौकरी दी, जिन्होंने अपनी जमीन या तो लालू यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems prt limited के नाम की। पहले सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच जिसे पीई कहते है, दर्ज की और जांच शुरू की।
सीबीआई के इंस्पेक्टर जयराज कटियार ने जांच पूरी करके जो रिपोर्ट सौंपी उसके मुताबिक, साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को अलग-अलग जोन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया। जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया। इन लोगों ने जमीन के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी। अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले में भर्ती के लिए जो रूल्स और गाइडलाइंस होती हैं, उनका उलंघन किया। जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है, उसे अलग-अलग जोन जैसे जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया। इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के नाम या AK infosystems prt limited कंपनी के नाम कर दी।
किसने जमीन लालू और उनके रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर की?
- लेट किशन देव राय ने जो पटना के महुबाग के रहने वाले हैं। इन्होंने 3375 स्कॉयर फीट जमीन राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के कन्सिड्रेशन पर कर दी और इसके बदले किशन देव के पोतों राजकुमार, मिथलेश और अजय कुमार को मुंबई में ग्रुप डी की पोस्ट पर रखा गया।
- इसी तरह पटना के महुबाग के रहने वाले संजय राय ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन का पार्सल राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के सेल कन्सिड्रेशन पर किया और इसके बदले संजय राय, धर्मेंद्र और विकास को मुम्बई में रेलवे में नौकरी मिली।
- इसी तरह किरणदेवी जो बिन्दोल गांव थाना बिहता पटना की रहने वाली हैं, इन्होंने जमीन का पार्सल 1 एकड़ 85(3/4) तकरीबन 80905 स्कॉयर फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम 3,70,000 के सेल कन्सड्रेशन पर ट्रांसफर की और इसके बदले इनके बेटे अभिषेक कुमार को 2008 में मुम्बई में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली।
- महुबाग के हजारी राय ने अपनी जमीन तकरीबन 9527 स्कॉयर फीट जमीन AK INFOSYSTEM PV LMT दिल्ली बेस्ड कंपनी के नाम 10,83000 के सेल कन्सिड्रेशन पर कर दी और इसके बदले इनके दो नेवफ्यू दिलचन्द और प्रेम कुमार को जबलपुर और कलकत्ता रेलवे में नौकरी मिली। जांच में सामने आया कि AK INFOSYSTEM कंपनी एसेट्स के सभी अधिकार लालू यादव की पत्नी राबड़ी और बेटी के नाम 2014 मे किए गए थे और बाद में ये कंपनी के डायरेक्टर भी बने थे।
- ऐसे ही महुबाग के लेट लाल बाबू ने अपनी जमीन 1360 स्कॉयर फीट राबड़ी देवी के नाम 13 लाख के सेल कन्सडिरेशन पर की थी इसके बदले में इनके बेटे लाल चंद को 2006 में जयपुर रेलवे जोन में नौकरी दी गई।
- महुबाग पटना के ब्रज नन्दन ने अपनी जमीन 3375 स्कॉयर फीट हरदयानंद चौधरी जो गोपालगंज के रहने वाले हैं, उनके नाम 4,21,000 के सेल कन्सिड्रेशन पर कर दी। जांच में पता लगा कि हरदयानंद चौधरी को 2005 में हाजीपुर में अप्वाइंट किया गया था और इसने ये जमीन गिफ्ट डीड के तौर पर हिमा यादव लालू की बेटी के नाम कर दिया। हरदयानंद लालू का रिलेटिव नहीं है और इस जमीन की कीमत सर्कल रेट के हिसाब से उस वक्त 62,10,000 का था।
- महुबाग के विशन देव ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन सिवान के रहने वाले लल्लन चौधरी के नाम की। इसके बदले इनके पोते पिंटू कुमार को 2008 में मुम्बई में जॉब दी गई। जांच में पता लगा कि लल्लन चौधरी ने गिफ्ट डीड के तौर पर ये जमीन मीसा यादव के नाम कर दी। सर्कल रेट इस जमीन का उस वक्त करीब 62,10,000 था।
इन जमीनों की वर्तमान कीमत 43 करोड़ से ज्यादा
जांच के हिसाब से ये 7 प्रॉपर्टी सेल डीड और गिफ्ट डीड के तौर पर लालू यादव और उनके परिवार ने तकरीबन 1,05,292 स्कॉयर फीट एकॉयर कर रखी है। सभी लेंड की पेमेंट कैश दिखाई गई थी। करंट समय मे इन सभी लेंड की टोटल कीमत 4,39,80,650 है।
जांच में सामने आया कि सर्कल रेट से बेहद कम दामो में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदीं, जबकि सर्कल रेट से काफी ज्यादा कीमत इन जमीनों की थी। जांच में सामने आया कि इन जोन्स में किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था।
लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और बाकी आरोपी जिन्होंने जमीन के बदले नौकरी ली इनके ख़िलाफ़ आईपीसी 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 11,12 (1988), 13(2) 13(1) (d) प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 दर्ज किया गया।
अब इस केस की जांच एफआईआर 18 मई 2022 को दर्ज करने के बाद आईओ रूपेश कुमार श्रीवास्तव एसपी संदीप कुमार शर्मा की देखरेख में कर रहे हैं। इसी सिलसिले में आज 25 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी हो चुकी है, जिसमें लालू और तेजस्वी के करीबी और तेजस्वी के मॉल शामिल हैं। आज सीबीआई ने पटना में राबड़ी देवी के यहां पूछताछ की और कल लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में जांच में शामिल होने के लिए कहा है।