Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. नाबालिग लड़के-लड़कियों के ‘डेट’ पर जाने को लेकर कोर्ट ने सरकार से पूछा क्लियर कट सवाल

नाबालिग लड़के-लड़कियों के ‘डेट’ पर जाने को लेकर कोर्ट ने सरकार से पूछा क्लियर कट सवाल

डेटिंग के दौरान पकड़े जाने वाले नाबालिग लड़के-लड़कियों में से सिर्फ लड़के को ही गिरफ्तार करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। आइए जानते हैं इस मामले पर कोर्ट ने क्या कहा है...

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: July 04, 2024 21:35 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या नाबालिग लड़कों और लड़कियों के ‘डेट’ पर जाने तथा इस संबंध में लड़कियों के माता-पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराने से जुड़े मामलों में गिरफ्तारियों से बचा जा सकता है। चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से यह जांच करने के लिए कहा कि क्या लड़के को गिरफ्तार न करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत एक बयान दर्ज कराना पर्याप्त होगा।

कोर्ट ने कहा, ‘‘...ज्यादा से ज्यादा, उसे इन चीजों में शामिल न होने की सलाह देने के लिए बुलाया जा सकता है लेकिन गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।’’ उसने कहा कि राज्य सरकार मामले की पड़ताल कर सकती है और पुलिस विभाग को सामान्य दिशा निर्देश जारी कर सकती है।

नाबालिग कपल का डेट पर जाना नहीं है अपराध

अदालत का आदेश एक जनहित याचिका पर आया है जिसमें लड़की के माता-पिता की शिकायत पर दर्ज एक मामले में एक नाबालिग लड़की के साथ ‘डेट’ पर जाने के लिए एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार करने के औचित्य पर सवाल उठाया गया है क्योंकि यह बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) कानून की धारा 3,4,5,6 और 7 के तहत एक अपराध नहीं है। वकील मनीषा भंडारी द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ऐसे मामलों में लड़कों को ही आम तौर पर अपराधी माना जाता है और सजा दी जाती है जो कि उचित नहीं है। इस मामले पर अब 6 अगस्त को सुनवाई होगी।

क्या है पॉक्सो एक्ट?

दरअसल, पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट है। इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। इस कानून को 2012 में लाया गया था। इसके लाने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि इससे नाबालिग बच्चियों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण दिया जा सके। हालांकि ये कानून ऐसे लड़के और लड़कियों दोनों पर लागू होता है, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है। वहीं पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है। पहले इसमें मौत की सजा का प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन बाद में इस कानून में उम्रकैद जैसी सजा को भी जोड़ दिया गया।  (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

न्याय बिकाऊ है क्या? दिल्ली हाईकोर्ट का रेप केस की FIR रद्द करने से इनकार, पैसे लेकर हुआ था समझौता

'...तो विनाशकारी होंगे परिणाम', जानें साधु और गुरु को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों की यह टिप्पणी

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement