दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच करीब 10 घंटे तक मुठभेड़ चली है। सेना के इस ऑपरेशन में बुरहान वानी का आखिरी जीवित साथी फारूक नाली अपने चार अन्य साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। फारूक नाली का मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है। ऐसा इसलिए क्योंकि फारूक नाली कश्मीर घाटी में दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आखिरी कमांडर की बागडोर संभाल रहा था।
10 लाख रुपये का इनाम था
फारूक नाली ए प्लस प्लस श्रेणी का आतंकी था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। फारूक नाली साल 2014-2015 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। फारूक नाली बुरहान के समूह के 14 कमांडरों में से बचा एकमात्र कमांडर था। वह पिछले 9 सालों से हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभालकर दक्षिण कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
हिजबुल मुजाहिद्दीन को लगा बड़ा झटका
हिजबुल के आखिरी कमांडर फारूक नाली की तलाश सभी सुरक्षा एजेंसियों को पिछले कई सालों से थी। फारूक बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को चकमा देकर भागने में सफल भी रहा था। फारूक नाली पर सुरक्षा बलों पर हमला, टारगेट किलिंग और नए युवाओं को हिजबुल में शामिल करने का आरोप था। सुरक्षा एजेंसियां इस ऑपरेशन को सफल और बड़ी उपलब्धि मान रही हैं और इसे हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए बड़ा झटका मान रही हैं। कुलगाम में एनकाउंटर के बाद कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। मारे गए आतंकियों के पास से हिजबुल मुजाहिद्दीन द्वारा बनाए गए पहचान पत्र बरामद किए गए हैं।
अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक
दूसरी ओर इस एनकाउंटर के बाद गृह मंत्रालय भी अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से संबंधित सुरक्षा मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए हैं। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात भी शामिल हुए। इनके अलावा गृह सचिव गोविंद मोहन, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक सदानंद दाते, बीएसएफ प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी भी बैठक में शामिल थे।
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