Monday, November 04, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Bulli Bai App Case: तीन नाबालिग आरोपी रिहा, तीन की जमानत अर्जी खारिज

Bulli Bai App Case: तीन नाबालिग आरोपी रिहा, तीन की जमानत अर्जी खारिज

मुंबई की एक अदालत ने बुल्ली बाई ऐप मामले में तीन विद्यार्थियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि इन आरोपियों की ‘अपरिपक्व उम्र और नासमझी’ का दुरुपयोग ‘गहरी समझ रखने वाले’ अन्य आरोपी ने किया था। 

Edited by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: April 19, 2022 20:52 IST
Three minor gets bail in Bulli Bai app case- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Three minor gets bail in Bulli Bai app case

Highlights

  • बुल्ली बाई ऐप मामले में तीन छात्रों की जमानत मंजूर
  • कोर्ट ने बताया अपरिपक्व उम्र और नासमझी का दुरुपयोग
  • अन्य तीन अभियुक्तों की जमानत याचिका हुई खारिज

मुंबई की एक अदालत ने बुल्ली बाई ऐप मामले में तीन विद्यार्थियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि इन आरोपियों की ‘अपरिपक्व उम्र और नासमझी’ का दुरुपयोग ‘गहरी समझ रखने वाले’ अन्य आरोपी ने किया था। बांद्रा अदालत के मजिस्ट्रेट के.सी. राजपूत ने विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल को 12 अप्रैल को जमानत मंजूर की थी वहीं आरोपियों ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इस मामले में विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध कराया गया। 

अदालत ने जमानत पर रिहा किये गये आरोपियों के माता-पिताओं या अभिभावकों से कहा कि संभव हो तो वे अपने बच्चों को सोशल मीडिया पर व्यवहार सहित सामाजिक व्यवहार के मानकों की सीख देने के लिए ‘काउंसिलिंग’ करायें। इससे पहले मजिस्ट्रेट अदालत और सत्र अदालत ने इन सभी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों ने इस मामले में पुलिस के आरोप-पत्र दायर करने के बाद नई याचिका दायर की थी। 

अदालत ने कहा कि दस्तावेजों से यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आरोपी नीरज बिश्नोई, ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह मुख्य रूप से ऐप के निर्माण और अपलोडिंग तथा सूचना के प्रसार से जुड़े व्यक्ति हैं। अदालत ने कहा कि आरोपी विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल ने उन अभियुक्तों का अनुसरण किया था और वे कुछ छोटी-मोटी गतिविधियों में शामिल थे। अदालत ने कहा कि इस प्रकार विशाल, श्वेता और मयंक की भूमिका बिश्नोई, ठाकुर और नीरज सिंह की तुलना में ‘कम गंभीर’ प्रतीत होती है। 

अदालत के अनुसार, बिश्नोई, ठाकुर और नीरज उम्र की दृष्टि से परिपक्व थे और उनमें समझ भी थी, इसके बावजूद उन्होंने कम उम्र के तीन आरोपियों की अपरिपक्वता और नासमझी का दुरुपयोग किया। अदालत ने कहा कि विशाल, श्वेता और मयंक की परीक्षाएं आने वाली हैं और यदि उन्हें जेल में रखा जाएगा तो इसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इन तीनों पर लगे आरोपों और उनकी आयु को ध्यान में रखते हुए वे जमानत पर रिहा किये जाने के हकदार हैं, क्योंकि उनकी भूमिका ‘‘कम गंभीर है।’’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement