छतरपुर: पुलिस पर पथराव करने वाले आरोपी हाजी शहजाद अली का आलीशान महल जमींदोज हो चुका है। बीते दिन उसके इस आलीशान मकान पर पुलिस ने बुलडोजर की कार्रवाई की थी। करीब बीस करोड़ की लागत से बन रहा महल बुलडोजर की कार्रवाई के बाद देखते ही देखते मलबे में मिल गया। बता दें कि पुलिस पर पथराव करने वाले आरोपियों के ऊपर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है। अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। मामले पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह के बाद अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री भी हो चुकी है।
ओवैसी ने किया एमपी सरकार पर कटाक्ष
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा जिस तरह से एमपी की सरकार ने हाजी शहजाद अली के घर को ध्वस्त कर दिया, हम इसकी मजम्मत करते हैं। सरकारी चलती है तो रूल आफ लॉ से रूल ऑफ मॉब के जरिए नहीं। कल आपके पास सत्ता नहीं रहेगी तो कल जो सरकार आएगी जनता उनको हटाएगी तो वह क्या वह सरकार आपकी और आपके जिम्मेदारों के उनके घरों को तोड़ दे। बुलडोजर के जरिए आप जो कुछ कर रहे हैं यह संविधान का वायलेशन है।
कोर्ट से इंसाफ मिलेगा
नरेंद्र मोदी पीएम की हैसियत से पार्लियामेंट में संविधान को चूमते हैं और चूमने का ड्रामा करते हैं और वहां मध्य प्रदेश की सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है किसी के घर को तोड़ रही है। स्टेट स्पॉन्सर्ड कम्युनलिज्म मध्य प्रदेश में किया जा रहा है। इसका सिर्फ एक ही फिरके के खिलाफ चाहे उनके घर को तोड़ दिया जाता है, कभी एनकाउंटर के नाम पर उनको गोलियां मार दी जाती हैं। मुझे यकीन है कोर्ट के पास मसला जरूर जाएगा और कोर्ट से इंसाफ जरूर होगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो सरकार डिमोलिशन के जरिए सत्ता चलाती है वह याद रखे कि आप किसी का घर तोड़ रहे, इंशाल्लाह वो वक़्त भी आएगा जब इसी तरह अपने वोट के जरिए जनता आपकी हुकूमत का डिमोलिशन करेगी।
ओवैसी ने पूछा सवाल
ओवैसी ने एक वीडियो में कहा, "पत्थरबाजी की घटना के एक दिन बाद अली का घर गिरा दिया गया, जबकि उसने दावा किया था कि उसके पास घर के लिए कानूनी अनुमति थी। वैध अनुमति के अभाव में स्थानीय प्रशासन को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था।" उन्होंने पूछा कि क्या अली के घर को गिराने से पहले उसे नोटिस दिया गया था।