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राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा बजट सत्र, सरकार आज पेश करेगी आर्थिक सर्वेक्षण

बजट-सत्र के दौरान सरकार की नजर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट आदि पर सुचारू रूप से चर्चा कराने पर रहेगी

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published : Jan 31, 2023 7:21 IST, Updated : Jan 31, 2023 9:09 IST
ससंद भवन
Image Source : पीटीआई ससंद भवन

नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण देंगी। बजट सत्र के पहले दिन आज संसद में आर्थिक सर्वे पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसद परिसर में मीडिया से बात करेंगे। 

बजट-सत्र के दौरान सरकार की नजर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट आदि पर सुचारू रूप से चर्चा कराने पर रहेगी, वहीं विपक्षी दलों ने अडाणी समूह से जुड़ा विषय, कुछ राज्यों में राज्यपालों के कामकाज, जाति आधारित गणना, महंगाई, बेरोजगरी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के स्पष्ट संकेत दिये हैं। 

बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा 

बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी। सोमवार को सर्वदलीय बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया कि वह संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है और सदन सुचारू रूप से चलाने में सभी का सहयोग चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सरकार संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, हम विपक्ष का सहयोग चाहते हैं। जोशी ने बताया कि इस बैठक में 27 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया। 

सूत्रों के अनुसार बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा सहित द्रमुक, वाम दलों आदि ने अडाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाया और संसद सत्र के दौरान इस पर चर्चा कराने की मांग की। सूत्रों ने बताया कि बैठक में टीआरएस और द्रमुक जैसे दलों ने विपक्ष के शासन वाले राज्यों में राज्यपाल के व्यवहार का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक में युवाजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित आर्थिक गणना कराने की मांग की। सूत्रों के अनुसार वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन सा वर्ग पीछे है। उन्होंने कहा कि बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी की स्थिति पर चिंता जतायी। 

इनपुट-भाषा

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