Highlights
- बातचीत में मुक्त व्यापार समझौता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दे खास रहेंगे
- यूक्रेन और रूस की जंग के बीच ब्रिटिश पीएम जॉनसन का भारत दौरा अहम
- गुरुवार को गुजरात के वडोदरा के हलोल में JCB कंपनी की नई यूनिट का उद्घाटन किया
British PM India Visit: भारत के दो दिन के दौरे पर आए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन आज शुक्रवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में स्वागत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान आज ही पीएम मोदी और जॉनसन के बीच मुलाकात भी हुई।इस मुलाकात के बाद संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों के राष्ट्राध्य़ों ने अपने बयान दिए। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग के मामले में बातचीत से विवाद का समाधान निकलना चाहिए। पीएम ने कहा कि यूके को नेशनल हाईड्रोजन मिशन के लिए आमंत्रित करते हैं।
वहीं ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि पीएम मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं। जॉनसन ने कहा कि सचिन तेंडुलकर और अमिताभ बच्चन ब्रिटेन में काफी मशहूर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के साथ फ्री ट्रेड पर अच्छी बातचीत हुई।
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई] जिसमें मुक्त व्यापार समझौता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दे मुख्य रूप से शामिल हैं।
इससे पहले पीएम जॉनसन अहमदाबाद गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे। वहां भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी से मुलाकात की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में यूके की कंपनियों के सहयोग की बात कही। इससे पहले ब्रिटिश पीएम ने साबरमती आश्रम पहुंचकर बापू के चित्र पर माल्यार्पण किया। उसके बाद चरखा चलाकर सूत काता।
उन्होंने गुजरात के वडोदरा के हलोल में JCB कंपनी की नई यूनिट का उद्घाटन किया। इस यूनिट में बुलडोजर (बैकहो लोडर) समेत कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के दूसरे उपकरण बनाए जाएंगे। ब्रिटिश मूल की कंपनी JCB का भारत में ये छठा प्लांट है। प्लांट को बनाने में 650 करोड़ रुपए की लागत आई है।
अहम माना है ब्रिटिश पीएम का भारत दौरा
गौरतलब है कि ब्रिटिश पीएम का भारत दौरा उस समय हुआ है जब यूक्रेन और रूस के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। यूरोप और अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, रूस को लेकर भारत ने शुरू से ही अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि रूस भारत का पुराना दोस्त है। कई जरूरतों के लिए दोनों देश एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। ऐसे में भारत अपनी दोस्ती को दांव पर नहीं लगाएगा।