नयी दिल्ली : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों और व्यापार को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान दिया। इस संयुक्त बयान के दौरान सबसे दिलचस्प बात यह रही कि बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी को अपना खास दोस्त बताया। और यह बात उन्होंने हिंदी में कही। बोरिस की हिंदी सुनकर वहां सभी लोग अचंभित रह गए। बोरिस जॉनसन ने कहा कि जिस तरह से भारत में उनका स्वागत हुआ उससे उन्हें बेहद खुशी हुई। उन्होंने कहा कि वे तेंदुलकर और अमिताभ की तरह महसूस कर रहे हैं।
भारत ब्रिटेन संयुक्त की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा की और भविष्य के लिए कुछ लक्ष्य भी निर्धारित किए है। पीएम मोदी ने बताया कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार (FTA) समझौते के लिए जारी वार्ता में अच्छी प्रगति हो रही है, हमने इस साल के अंत तक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने की पूरी कोशिश करने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भी स्थापना की। हमने रोडमैप 2030 को भी लांच किया था। FTA के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन का निर्णय लिया है।
पीएम मोदी ने कहा-आज हमने अपनी जलवायु और उर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम UK को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
पीएम मोदी ने यूक्रेन समस्या का भी जिक्र किया और कहा-'हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया।'
वहीं बोरिस जॉनसन ने कहा-'आज हमारी शानदार बातचीत हुई और हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है।'
जॉनसन ने कहा-'ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है"
उन्होंने कहा-'हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और नियम-आधारित रखने में दोनों देशों का साझा हित है। दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्थायी, घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाएंगे। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को गहरा किया है।'