Bypolls 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। ये उपचुनाव बीजेपी के लिए बड़ी प्रतिष्ठा वाले होंगे। ये उपचुनाव बीजेपी के लिए बड़ी परीक्षा रहेंगे। बिहार में देखा जाए तो नीतीश और तेजस्वी के महागठबंधन से बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। वहीं तेलंगाना में केसीआर और टीआरएस के बीच बीजेपी को अपनी जगह बनाना आसान नहीं होगा। जानिए देश के 7 राज्यों की 7 विधानसभाओं में क्या समीकरण बनते हैं।
गोला गोकर्णनाथ (उत्तर प्रदेश)
यूपी में गोला की गोकर्णनाथ सीट सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए परीक्षा का सबब बन गई है। इस सीट पर बीजेपी विधायक अरविंद गिरि जीते थे। उनके निधन के बाद उनके बेटे अमन गिरि को बीजेपी ने टिकट दिया है। वहीं सपा की ओर से पूर्व विधायक विनय तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है। इस बार बसपा और कांग्रेस की तरफ से इस सीट के लिए कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, ऐसे में मुकाबला सीधे तौर पर बीजेपी बनाम सपा का हो रहा है।
मोकामा (बिहार)
बिहार में महागठबंधन के सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी के लिए मुश्किल और बढ़ गई है। पहले नीतीश का बीजेपी से गठबंधन था, तब बात अलग थी। मोकामा सीट पर मुकाबला दिलचस्प रहेगा। सोनम देवी पर बीजेपी ने इस बार दांव खेला है। भाजपा को उम्मीद है कि वे यह सीट पहली बार बीजेपी को जिता देंगी। लेकिन दूसरी ओर आरजेडी ने अनंत सिंह, जिनकी सदस्यता रद्द हुई है, उनकी पत्नी नीलम देवी को अपनी पार्टी की ओर से उतारा है। अनंत सिंह पहले दो बार जेडीयू और एक बार आरजेडी की टिकट पर मोकामा की सीट जीत चुके हैं।
गोपालगंज (बिहार)
गोपालगंज भी प्रतिष्ठा की सीट है। यहां उपचुनाव में बीजेपी के लिए काफी कश्मकश रहेगी। पिछले चार बार से गोपालगंज सीट हमेशा से बीजेपी के खाते में गई है। लेकिन इस बार क्योंकि पूर्व मंत्री सुभाष सिंह का निधन हो गया है, ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव के तहत आज मतदान है। बीजेपी को चुनौती देने के लिए गोपालगंज से आरजेडी ने मोहन प्रसाद गुप्ता मैदान में उतारे गए हैं। वे सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को टक्कर देंगे, जो बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में उतारी गई हैं। इस सीट पर भी बीजेपी और महागठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी।
मुनुगोडे (तेलंगाना)
तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी परीक्षा की घड़ी है यह उपचुनाव। मुनुगोडे में हो रहा उपचुनाव अगले साल होने वाले चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट साबित होगा। टीआरएस, बीजेपी और कांग्रेस तीनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की रहेगी। बीजेपी ने इस सीट पर राजगोपाल रेड्डी को ही अपना उम्मीदवार बना दिया है। वहीं टीआरएस ने पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा है। केसीआर ने जब से राष्ट्रीय पार्टी को लॉन्च किया है, उसके बाद यह उपचुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। वहीं बीजेपी भी जीत की हवा अपने पक्ष में करना चाहती है। कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव करो या मरो वाला रहेगा। क्योंकि पिछले चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है। कांग्रेस ने इस सीट से पल्वई श्रावन्थी Palvai Sravanthi को अपना प्रत्याशी बनाया है।
आदमपुर (हरियाणा)
आदमपुर सीट पर हो रहे ये उपचुनाव भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए किसी प्रतिष्ठा वाले हैं। आदमपुर सीट परंपरागत रूप से भजनलाल परिवार की सीट रही है। इस बार कुल 22 उम्मीदवार इस सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी ठोक रहे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस, INLD और आम आदमी पार्टी के बीच है। अब भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी में जाने की वजह से इस सीट पर फिर चुनाव हो रहे हैं। इस बार बीजेपी ने कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है। कांग्रेस ने जयप्रकाश को मैदान में उतारा है। इस सीट पर 1968 से भजनलाल परिवार का राज चल रहा है।
धामनगर (ओडिशा)
बीजेपी ओडिशा में भी अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहती है। ऐसे में ये उपचुनाव बीजेपी के लिए लिटमस टेस्ट होंगे। यहां धामनगर सीट पर उपचुनाव है। पिछले चुनाव में बीजू जनता दल यानी बीजेडी को स्पष्ट बहुमत मिला था। जबकि बीजेपी को झटका लगा था। लेकिन तब भी पार्टी ने धामनगर सीट पर जीत दर्ज की थी। बिश्नु चरण सेठी ने बीजेपी के लिए वो चुनाव जीता था। उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। बीजेपी ने इस सीट से सूर्यांशी सूरज को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं बीजेडी ने अबंती दास के रूप में महिला उम्मीदवार को मौका दिया है। आप के अनवर शेख अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं।
अंधेरी ईस्ट ( महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र की राजनीति में हुए पिछले दिनों के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद यह सीट शिंदे गुट, उद्धव गुट के साथ ही बीजेपी के लिए भी प्रतिष्ठा का सबब बन गई है। राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उद्धव खेमे के लिए ये सीट निकालना काफी जरूरी है। उनकी तरफ से चुनावी मैदान में रुतुजा लटके को उम्मीदवार बनाया गया है। उनके खिलाफ 6 उम्मीदवार मैदान में खड़े हैं, यहां भी चार तो निर्दलीय हैं। इस सीट पर सबसे बड़ा खेल बीजेपी ने किया है क्योंकि उसने पहले उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन फिर नाम वापस ले लिया।