Highlights
- बीजेपी 1296 विधायकों वाली पार्टी बनी
- वर्तमान में बीजेपी के 303 सांसद हैं
- वोटर्स की संख्या 1000 फीसदी बढ़ी
नई दिल्लीः 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में एक नए राजनीतिक दल की घोषणा की गई जिसका नाम था भारतीय जनता पार्टी। भारतीय जनता पार्टी आज अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। पार्टी बनने के बाद पहले आम चुनाव में महज 2 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। शुरूआत से लेकर अब तक बीजेपी के विधायकों संख्या में 900 फीसदी, मतदाता 1000 फीसदी और सांसद 15000 फीसदी बढ़े हैं। आज देश की सियासत में बीजेपी का कद इतना ऊंचा हो चुका है कि अन्य दल उसके सामने बहुत छोटे लगने लगे हैं।
1296 विधायकों वाली पार्टी बनी
किसे पता था कि एक दिन जनसंघ से निकाले गए अटल बिहारी बाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की जोड़ी देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक दल की नींव रखने वाले हैं। समय के साथ-साथ देशभर में बीजेपी का प्रभाव और जनता में पार्टी के प्रति लोगों का झुकाव लगातार बढ़ता रहा। जिसका नतीजा यह रहा कि आज बीजेपी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। बीजेपी की स्थापना से लेकर अब तक पार्टी के विधायकों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।
जहां साल 1981 तक बीजेपी के देशभर में महज 148 विधायक थे। लेकिन पार्टी के विधायकों की संख्या साल दर साल बढ़ती रही। जो 1991 में बढ़कर 751 और 2001 में 770 तक पहुंच गई। बीजेपी के विधायकों की संख्या में वृद्धि निरंतर जारी रही। साल 2011 में जो बढ़कर 869 पर पहुंच गई। लेकि बीते एक दशक में देशभर में बीजेपी के विधायकों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। वर्तमान में बीजेपी के देशभर में कुल 1296 विधायक हैं। जो उसके मजबूत जनाधार का सबूत है।
2 से 303 सांसदों वाली पार्टी बनी
बीजेपी की स्थापना के बाद पार्टी ने सबसे पहले 1984 के लोकसभा चुनाव लड़ा। उस समय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सहानुभूति की लहर चल रही थी। जिसके कारण चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिला। बीजेपी लोकसभा चुनाव में महज दो सीट पर ही जीत हासिल कर पाई। लेकिन इसके अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 2 से 85 सीटों तक का सफर तय किया। हांलाकि, ये देश में सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटों के आकड़े से काफी दूर था। लेकिन बीजेपी भविष्य में आने वाले तमाम लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन बेहतर किया। जिसकी बदोलत बीजेपी 1991 में 120, 1996 में 161 और 1998 में 182 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही।
लोकसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या हर चुनाव में बढ़ती रही। इसके बाद 2014 का वो समय भी आया जब बीजेपी ने अकेले अपने दम पर 282 सीटों पर जीत हासिल की। इस जीत की बदोलत बीजेपी पहली बार देश में अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। 2014 लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के तमाम सियासी दावों को झूठा साबित करते हुए 303 सीटों पर जीत हासिल की। 1984 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक बीजेपी के सांसदों की संख्या में 15000 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वोटर्स की संख्या 1000 फीसदी बढ़ी
हिंदुत्व की विचारधारा से प्रेरित बीजेपी का अबतक का सियासी सफर अप्रत्याशित रहा है। समय के साथ ना केवल इसके विधायक, सांसदों की संख्या बढ़ी बल्कि बीजेपी को मिलने वाले वोटों की संख्या में भी 1000 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 1984 में बीजेपी के खाते में महज 1.82 करोड़ वोट पड़े। जो अगले पांच साल में बढ़कर 3.41 करोड़ तो साल 1991 में बढ़कर 5.53 करोड़ हो गए। बीजेपी को मिलने वाले वोटों की संख्या में उछाल का सिलसिला यहीं नहीं रुका। यह 1996 में बढ़कर 6.79 करोड़ वोट के आकड़ें पर पहुंच गया। हर पांच साल में बीजेपी के वोटर्स की संख्या लगातार बढ़ती रही। साल 2014 में इसमें सबसे अधिक उछाल देखने को मिला।
इस साल मोदी लहर का जादू देश में वोटर्स के सिर चढ़कर बोल रहा था। जिसके कारण बीजेपी को साल 2014 में 17.1 वोट हासिल हुए। ये बीजेपी को अब तक मिले सर्वाधिक वोट थे। इसकी बदोलत बीजेपी देश में पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रही। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनाए गए। बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में कुछ अहम और कढ़े फैसले लिए। जिसका जनता और विपक्ष ने जमकर विरोध। फिर ऐसा लगने लगा कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने विपक्ष के सभी दांवों को धवस्त करते हुए 22.9 वोट हासिल किए।