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BJP Foundation Day: 42 सालों में कैसे राजनीतिक बुलंदियों पर पहुंची BJP? जानें 2 से 303 सीटों का सफर

साल 1980 में गठित हुई इस पार्टी ने 42 सालों में काफी तरक्की की है। इस बात का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि साल 1984 के चुनावों में बीजेपी को महज 2 सीटें मिली थीं, लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 282 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया।

Written by: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: April 06, 2022 13:16 IST
BJP Foundation Day- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV BJP Foundation Day

Highlights

  • 42 सालों में राजनीतिक रूप से बीजेपी ने पाई बड़ी सफलता
  • साल 1984 के चुनावों में बीजेपी को मिली थीं महज 2 सीटें
  • साल 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर हासिल कीं 303 सीटें

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज यानी 6 अप्रैल को अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर बीजेपी कार्यकर्ता काफी उत्साहित भी नजर आ रहे हैं। बीजेपी के लिए ये स्थापना दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और देश के कई राज्यों में भी बीजेपी बड़े जनाधार के साथ सत्ता में है। 

साल 1980 में गठित हुई इस पार्टी ने 42 सालों में काफी तरक्की की है। इस बात का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि साल 1984 के चुनावों में बीजेपी को महज 2 सीटें मिली थीं, लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 282 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और फिर साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अपनी दम पर 303 सीटें जीतकर बहुमत पाया। नरेंद्र मोदी आज इस पार्टी का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं। 

साल 1980 से 1990 तक क्या हुआ?

जनता पार्टी के नेताओं के बीच गहरा मतभेद: जनता पार्टी ने अपने नेताओं की दोहरी सदस्यता पर रोक लगा दी थी, यानी जनता पार्टी का सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं जुड़ सकता था। इसी बात से खफा होकर जनसंघ के सदस्यों ने जनता पार्टी से इस्तीफा दिया और 6 अप्रैल 1980 में नई पार्टी बीजेपी बना ली। इस नई पार्टी के अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी चुने गए। 

1980 के लोकसभा चुनावों में 31 सीटों पर सिमट गई जनता पार्टी: यहां ये ध्यान रखना जरूरी है कि साल 1980 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता पार्टी को करारी हार मिली थी। इसकी एक प्रमुख वजह जनता पार्टी के नेताओं के बीच फैला आपसी मतभेद भी था। इसी वजह से 1977 में 295 सीटें हासिल करने वाली जनता पार्टी 1980 में केवल 31 सीटों पर सिमट गई थी।

1984 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिलीं केवल 2 सीटें: 31 अक्टूबर 1984 को पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नवंबर में फिर से चुनाव हुए लेकिन बीजेपी को इसमें करारी शिकस्त मिली और वह केवल 2 सीटें इस चुनाव में जीत पाई। इसकी प्रमुख वजह ये थी कि इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से जनता की सहानुभूति कांग्रेस को मिली और कांग्रेस ने 409 सीटें जीतीं। इसे कांग्रेस पार्टी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कहा जाता है। 

1989 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने जीतीं 85 सीटें: साल 1989 के आम चुनावों में बीजेपी ने 85 सीटें जीत लीं, जोकि पिछले चुनावों की अपेक्षा काफी अच्छा प्रदर्शन था। ये वो दौर था जब कांग्रेस बोफोर्स कांड, पंजाब में फैलते आतंकवाद और LTTE-श्रीलंका सरकार के बीच चल रहे गृह युद्ध से उपजी समस्याओं से जूझ रही थी। ऐसे में कांग्रेस विपक्ष के निशाने पर थी और पांच पार्टियों वाला नेशनल फ्रंट, बीजेपी और 2 कम्यूनिस्ट पार्टियों के साथ मिलकर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में उतरा, जिससे नेशनल फ्रंट को बहुमत हासिल हुआ। इस फ्रंट ने बीजेपी और कम्यूनिस्ट पार्टियों के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई। 

साल 1991 से 2000 तक क्या हुआ?

1991 के लोकसभा चुनाव में बाबरी-अयोध्या मुद्दा बीजेपी का केंद्र बिंदु बना: इस चुनाव में अयोध्या के विवादित बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर बीजेपी फॉर्म में आ गई। इससे धार्मिक आधार पर वोटों पर काफी प्रभाव पड़ा और बीजेपी को 120 सीटें मिलीं। 20 मई को हुई राजीव गांधी की हत्या की वजह से इस साल वोटिंग कम हुई और केवल 53 फीसदी वोटरों ने ही वोट डाले। इस चुनाव में कांग्रेस को 232 सीटें मिली थीं। फिर भी बीजेपी के लिए ये चुनाव पहले की अपेक्षा ज्यादा सीटों को हासिल करने वाला रहा था।

1996 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने बनाई 13 दिनों की सरकार: इस चुनाव में भी बीजेपी ने पहले की अपेक्षा बेहतरीन प्रदर्शन किया और 161 सीटें जीत लीं। वहीं कांग्रेस को केवल 140 सीटें मिलीं। इसके बाद राष्ट्रपति ने बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने के लिए इनवाइट किया क्योंकि वह संसद में सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया थे। इसके बाद 16 मई को अटल ने पीएम पद संभाला लेकिन संसद में क्षेत्रीय दलों का समर्थन ना मिलने की वजह से बीजेपी की सरकार 13 दिनों में ही गिर गई। 

1998 के लोकसभा चुनावों में अटल के नेतृत्व में बनी सरकार: ये साल बीजेपी के लिए बेहद खास था क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सरकार बनाई। हालांकि बीजेपी नेतृत्व वाली ये सरकार 13 महीने ही चल पाई क्योंकि एआईएडीएमके ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इस चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिली थीं। 1998 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 17 राज्यों और 4 केंद्र शासित क्षेत्रों से सीटें हासिल की थीं। 

अटल सरकार गिरने से 1999 में फिर हुए चुनाव:  अटल बिहारी वाजपेयी की 13 महीनों तक चली सरकार के गिरने के बाद देश को साल 1999 में फिर से आम चुनाव से गुजरना पड़ा। इस चुनाव में त्रिशंकु लोकसभा के हालात बन गए, क्योंकि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं था। हालांकि बाद में बीजेपी वाले एनडीए गठबंधन को 269 सीटें मिलीं और परिणाम बीजेपी के पक्ष में हो गया। इस बार अटल ने जब पीएम के रूप में शपथ ली तो वह साल 2004 तक पीएम रहे।

साल 2001 से 2010 तक क्या हुआ?

2004 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिली हार: 2004 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 138 सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस ने इस चुनाव में 145 सीटें हासिल की। सीटों का अंतर ज्यादा नहीं था लेकिन लेफ्ट, एसपी-बीएसपी के बाहरी समर्थन से केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार बन गई और बीजेपी को विपक्ष में बैठना पड़ा। बीजेपी को मिली इस हार से सभी हैरान थे। इस चुनाव में सोनिया गांधी के नेतृत्व वाला यूपीए एक बड़े गठबंधन के रूप में उभरा। इस चुनाव में यूपीए के पास 218 सीटें ही थीं, लेकिन बाकी सीटों की कमी लेफ्ट फ्रंट (59), समाजवादी पार्टी (35) और बहुजन समाज पार्टी (19) के बाहर से समर्थन से पूरी हो गई। 

साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी को मिली शिकस्त: 2009 में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन पहले ही अपेक्षा कुछ खराब रहा और इसमें बीजेपी को केवल 116 सीटें ही मिलीं, वहीं कांग्रेस ने 206 सीटें जीतीं। इस चुनाव में भी एनडीए सरकार बनाने में विफल रही और यूपीए को जीत हासिल हुई। इस चुनाव के बाद मनमोहन सिंह दूसरी बार पीएम बने। 

साल 2011 से अब तक तक क्या हुआ?

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिला प्रचंड बहुमत: बीते 2 चुनावों में सरकार बनाने में असफल रही बीजेपी के लिए साल 2014 बेहद शानदार साबित हुआ। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने इस चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की और  282 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। पहली बार ऐसा हुआ कि बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले और उसके गठबंधन NDA को 38 फीसदी वोट मिले। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस साल बीजेपी ने 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा और अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया। इस चुनाव में एनडीए को 336 सीटें और यूपीए को 60 सीटें मिली थीं। 

साल 2019 के आम चुनावों में बढ़ गया बीजेपी की जीत का आंकड़ा: 2019 में भी बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने दम पर 303 सीटें हासिल कर लीं। इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA ने 353 सीटें हासिल कीं। इस साल पुलवामा में आतंकी हमला भी हुआ था, जिसके जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर दी। केंद्र सरकार के इस फैसले ने बीजेपी के लिए इस चुनाव में जीत का रेड कारपेट बिछा दिया और जनता ने मोदी सरकार पर अपने विश्वास की मुहर लगा दी।

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