
भाषा विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और द्रमुक (द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम) के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि द्रमुक नीत राज्य सरकार के मंत्रियों को उत्तर भारत के लोगों को "नीचा दिखाने" में बहुत मजा आता है। अन्नामलाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर एक कथित वीडियो क्लिप पोस्ट की है, जिसमें तमिलनाडु के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री अनबरसन उत्तरी राज्यों के प्रवासी श्रमिकों के बारे में विवादित बयान देते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो में क्या था?
वीडियो क्लिप में मंत्री कथित तौर पर पूछ रहे हैं, "हिंदी पढ़ने वाले कहां हैं? वे मेरे घर में मवेशी पाल रहे हैं; यह सच है और मैं मजाक नहीं कर रहा हूं।" इसके बाद मंत्री ने कहा कि उत्तर भारत से आए लोग तमिलनाडु में निर्माण कार्य और बढ़ईगीरी जैसे कामों में लगे हुए हैं और पानी पूरी बेचने का भी जिक्र किया। अनबरसन ने कथित तौर पर यह भी कहा, "अगर हम हिंदी पढ़ते हैं तो हमें भी उत्तर भारत जाकर पानी पूरी खानी पड़ेगी।"
यह वीडियो उस समय का बताया जा रहा है जब अनबरसन चेन्नई के एक उपनगर में द्रमुक पार्टी के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हालांकि, वीडियो की सत्यता की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है और कार्यक्रम की तारीख भी स्पष्ट नहीं है।
अन्नामलाई का आरोप
इस वीडियो को पोस्ट करते हुए अन्नामलाई ने द्रमुक पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे तमिल मूल्यों और संस्कृति को भूलकर द्रमुक (द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम) के मंत्रियों को उत्तर भारत के हमारे भाइयों और बहनों को नीचा दिखाने में बहुत मजा आता है।
उन्होंने द्रमुक पर राज्य में शराब की अनियंत्रित बिक्री और नशीले पदार्थों की आसान पहुंच के जरिए युवा आबादी को नशे में धुत करने का भी आरोप लगाया। अन्नामलाई ने कहा कि राज्य के श्रम घाटे को पूरा करने में उत्तर भारत के श्रमिकों का योगदान अहम है और द्रमुक को उन लोगों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए।
भाषा और शिक्षा नीति पर बयान
बीजेपी नेता अन्नामलाई ने इस विवाद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई पिछली शिक्षा नीतियों की तरह एनईपी-2020 का उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के बारे में है, जिसमें शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा (तमिल) पर जोर दिया गया है। अन्नामलाई ने कहा कि इस नीति के तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों को माध्यमिक स्तर पर तीसरी भाषा और विदेशी भाषाओं को सीखने का अवसर दिया गया है। (इनपुट- भाषा)
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