नई दिल्ली: बिपरजॉय चक्रवात का असर गुजरात में दिखाई देने लगा है। हालातों से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है और गुजरात में 30 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। इस बीच जो लोग दिल्ली, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के राज्यों में रहते हैं, उनके मन में सवाल है कि क्या ये चक्रवात उनके जीवन पर भी असर डाल सकता है? सवाल ये भी है कि उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को इस चक्रवात से कितना खतरा है?
क्या हैं तूफान के मौजूदा हालात
आईएमडी के मुताबिक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अरब सागर में तेजी से गुजरात और पाकिस्तान तट की तरफ आगे बढ़ रहा है। यह तूफान सोमवार की अपेक्षा थोड़ा कमजोर हुआ है। सोमवार को हवाओं की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे चल रही थी। अभी ये तूफान उत्तरी पूर्व अरब सागर पर स्थित है, जिसमें हवाओं की गति कम होकर 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे देखी जा रही है। ये तूफान करीब 12 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उत्तर की तरफ आगे बढ़ रहा है।
उत्तर भारत में बारिश के आसार
दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड और यूपी समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश का अनुमान है। मानसून 30 जून से 6 जुलाई के बीच उत्तर में प्रवेश कर सकता है, जिसके बाद पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हो सकती है। आईएमडी ने 15 और 16 जून को दिल्ली में बादल छाए रहने और हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। कहा ये भी जा रहा है कि अरब सागर से नमी से भरी हवाएं राजस्थान और दक्षिण हरियाणा से होते हुए दिल्ली पहुंचेंगी। इसलिए फिलहाल तापमान में बढ़ोतरी दिखाई दे सकती है।
निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर का कहना है कि बिपरजॉय तूफान का दिल्ली-एनसीआर, यूपी-उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के राज्यों में विशेष फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 16 जून को बिपरजॉय गुजरात के दक्षिण से राजस्थान की ओर जाएगा और इस दौरान इसकी रफ्तार धीमी हो जाएगी, जिससे इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
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